Mohammad Muizzu India Visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस समय भारत के दौरे पर हैं. इस दौरे को काफी ज्यादा अहम माना जा है क्योंकि दोनों देशों के हाल के रिश्ते कुछ अच्छे नहीं रहे हैं.
Mohammad Muizzu India Visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पांच दिन के भारत दौरे पर हैं. मोहम्मद मुइज्जू का सोमवार (7 अक्टूबर) को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया. इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. मालदीव के राष्ट्रपति अपनी पत्नी साजिदा मोहम्मद और अपने देश के प्रतिनिधिमंडल के साथ रविवार शाम को भारत पहुंचे हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उनका स्वागत किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद मोदी भी मौजूद थे. बाद में मोहम्मद मुइज्जू ने यहां राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की. उनके साथ इस दौरान विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह थे. PM मोदी और मोहम्मद मुइज्जू के बीच आज मुलाकात होगी. इस मुलाकात को काफी ज्यादा अहम माना जा रहा है.
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय ने रविवार (6 अक्टूबर) को कहा था, “यह यात्रा भारत-मालदीव के बीच दीर्घकालिक व्यापक द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करेगी.” मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने जून में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था, लेकिन यह उनकी भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को द्विपक्षीय यात्रा पर भारत आए मुइज्जू से मुलाकात की थी और विश्वास जताया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मालदीव के राष्ट्रपति की वार्ता से हमारे मैत्रीपूर्ण संबंधों को नयी गति मिलेगी. विदेश मंत्रालय के अनुसार, मोहम्मद मुइज्जू इस यात्रा में मोदी से आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे.
आर्थिक मदद चाहता मालदीव
मालदीव इस समय आर्थिक संकटों से जूझ रहा है. भारत पहले ही मालदीव को 1.4 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद कर चुका है. भारत ने ये सहायता इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और दूसरे विकास कार्यों के लिए थी. इसके बाद भी मालदीव पर संकट खत्म नहीं हुआ है. इस वजह से भारत से वो और ज्यादा मदद चाहता है.
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का दौरा इसलिए अहम बन जाता है क्योंकि मालदीव में चुनाव के दौरान उन्होंने बड़े स्तर पर एंटी इंडिया कैंपेन चलाया था. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी भारत को घेरने की कोशिश की थी.