Thursday, November 7, 2024
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धक्के मारकर निकालेंगे बाहर… झारखंड में NRC लागू करने को लेकर क्या बोले हिमंता बिस्वा सरमा?

Himanta Biswa Sarma on NRC in Jharkhand: सीएम हिमंता सरमा ने झारखंड की बदलती जनसांख्यिकी के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि पाकुड़ में पहले हिंदू विधायक होते थे, लेकिन अब हिंदू लोग चुनाव भी नहीं लड़ते.

Himanta Biswa Sarma on NRC in Jharkhand: असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के झारखंड चुनाव के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार, 28 सितंबर को घोषणा की कि अगर बीजेपी सरकार में आई तो झारखंड में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिनका नाम NRC में नहीं होगा, उन्हें ‘बांग्लादेश तक धक्का मार-मारकर’ भेजा जाएगा.

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “सभी को NRC की प्रक्रिया के दौरान अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा. अगर कोई अपने भारतीय होने का प्रमाण नहीं दे पाता है, तो उसे कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से बांग्लादेश भेज दिया जाएगा.”

‘साबित करनी होगी नागरिकता’

असम के सीएम ने कहा, “झारखंड में बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोग कब से वोटर लिस्ट में शामिल हैं, यह महत्वपूर्ण है. अगर 2024 या 2021 में आपका नाम है, तो पहले आपके नाम की पुष्टि कहां है?”

उन्होंने आगे कहा कि वोटर लिस्ट की पूरी जांच 2001 से की जाएगी. अगर कोई यह साबित कर देता है कि उनका नाम पहले कहीं था, तो कोई आपत्ति नहीं होगी. अन्यथा, उन्हें ट्रिब्यूनल के सामने अपनी नागरिकता साबित करनी होगी. 

उन्होंने कहा, “यह बहुत साइंटिफिक प्रासेस है. इसे सुप्रीम कोर्ट मुहर लगा चुका है. केवल वोटर लिस्ट में नए जो आए हैं, उन्हीं की जांच की जाएगी. जो झारखंड का आदिवासी है, मूलवासी है, उनको जज भी नहीं किया जाएगा.”

जेएमएम सरकार घुसपैठियों के सवाल पर मौन है: हिमंता बिस्वा सरमा

हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड की बदलती जनसांख्यिकी के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “पाकुड़ में पहले हिंदू विधायक होते थे, लेकिन अब हिंदू लोग चुनाव भी नहीं लड़ते.” उन्होंने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय जेएमएम सरकार से घुसपैठियों की समस्या के बारे में प्रश्न कर रहा है, जिसका कोई उत्तर नहीं दिया जा रहा है. 

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि झारखंड से घुसपैठियों को निकालने के लिए NRC आवश्यक है. जो नागरिकता का प्रमाण नहीं दे पाएंगे, उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस भेजा जाएगा. असम के संदर्भ में उन्होंने बताया कि पहले चरण में 14-15 लाख लोग गैर-भारतीय पाए गए हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि उन्हें एक और बार प्रक्रिया करने की अनुमति दी जाए, ताकि संख्या और बढ़ाई जा सके.

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