UP 69000 Teachers Recruitment: हाईकोर्ट के आदेश के बाद अनारक्षित वर्ग के अभ्यार्थी सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. जिसे देखते हुए ओबीसी अभ्यार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट डाल दी है.
69000 Teachers Recruitment: उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद हजारों शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है. कोर्ट ने तीन महीने में नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया है. जिसके बाद कई तरह के कयास लग रहे हैं. इस बीच ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट डाल दी है.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद माना जा रहा है कि अनारक्षित वर्ग के अभ्यार्थी सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. ऐसे संभावना को देखते हुए OBC अभ्यर्थियों की ओर से पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी गई है ताकि कोर्ट कोई फैसला लेने से पहले उनके पक्ष को भी सुने. ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थियों ने अनारक्षित वर्ग के अभार्थियों के सुप्रीम कोर्ट जाने की सूरत में उनका भी पक्ष सुनने के लिए ये कैविएट दाखिल की है.
ओबीसी अभ्यार्थियों ने डाली कैविएट
OBC अभ्यर्थियों की मांग हौ कि अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के समायोजन की सूरत में हाईकोर्ट में रिट करने वाले लगभग 4000 ओबीसी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिले, अन्यथा वो अनारक्षित वर्ग के समायोजन का विरोध करेंगे. दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन शिक्षकों को लेकर आशंका बढ़ गई है तो पिछले चार-पांच सालों से नौकरी कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अनारक्षित वर्ग के अभ्यार्थी इस आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं.
इस बीच इस मुद्दे को लेकर जमकर सियासत भी देखने को मिल रही है. सपा-बसपा समेत तमाम विरोध दल इस मुद्दे पर योगी सरकार पर हमलावर हैं. समाजवादी पार्टी ने कोर्ट के आदेश के बाद भी नई मेरिट लिस्ट के लिए तीन महीने का समय मांगने पर सवाल उठाए हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कंप्यूटर के इस युग में तीन घंटे में नई लिस्ट बन सकती है तो तीन महीने का समय क्यों?
अखिलेश यादव ने भी ये भी आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में जाए और फिर दोबारा कोर्ट में फंस जाए. इस बीच मंगलवार को शिक्षक भर्ती के अभ्यार्थियों ने लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की हाईकोर्ट के फैसले पर जल्द अमल किया जाए और उन्हें न्याय दिया जाए. ये विरोध प्रदर्शन देर रात तक चलता रहा था. वहीं योगी सरकार ने दावा किया है कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा.