Sundar Pichai: ओला के सीईओ भविष अग्रवाल ने कंपनी की कैब्स में गूगल मैप्स की जगह ओला मैप्स का इस्तेमाल शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा था कि इससे ओला को 100 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिलेगी.
Sundar Pichai: ओला के सीईओ भविष अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) इन दिनों विदेशी टेक कंपनियों को लेकर हमलावर बने हुए हैं. उन्होंने इनकी तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से तक कर दी थी. साथ ही ओला ने गूगल मैप्स (Google Maps) की सेवाओं का इस्तेमाल बंद कर ओला मैप्स (Ola Maps) का प्रयोग शुरू कर दिया था. उन्होंने इंडियन डेवलपर्स से अपील की थी कि वह ओला मैप्स का फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं. भविष अग्रवाल के इस हमले से गूगल के सीईओ सुंदर पिचई (Sundar Pichai) को बड़ा झटका लगा और कंपनी ने गूगल मैप्स सर्विस की कीमत में 70 फीसदी की बड़ी कटौती कर दी है. नई कीमत 1 अगस्त से लागू होगी.
अब भारतीय रुपये में पेमेंट लेगी गूगल
इसके साथ ही गूगल ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) से पार्टनरशिप करने का ऐलान भी किया है. कंपनी ने बताया कि ओएनडीसी पर काम कर रहे डेवलपर्स को 90 फीसदी तक डिस्काउंट दिया जाएगा. कंपनी ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा की. साथ ही बताया कि वह भारतीय रुपये में भी पेमेंट स्वीकार करेगी. अभी तक आपको डॉलर में ही भुगतान करना पड़ता है. कंपनी ने कहा कि गूगल मैप्स प्लेटफॉर्म की सस्ती सर्विस की मदद से भारत के डेवलपर्स को लोकेशन बेस्ड सर्विस बनाने में आसानी होगी.
ओला मैप्स से गूगल मैप्स को दे रहे चुनौती
इससे पहले भविष अग्रवाल ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप कृत्रिम (Krutrim) के जरिए मैपिंग और लोकेशन बेस्ड सर्विस ओला मैप्स एपीआई लॉन्च की थी. साथ ही डेवलपर्स से आग्रह किया था कि वह एक साल तक इन सेवाओं का फ्री इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने दावा किया था कि कृत्रिम के जरिए इंडिया फर्स्ट को ध्यान में रखते हुए सेवाएं लॉन्च की जाएंगी. इसके अलावा ओला कैब्स में भी अब ओला मैप्स का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. भविष अग्रवाल ने बताया था कि यह कदम उठाकर कंपनी को 100 करोड़ रुपये सालाना बचाने में मदद मिलेगी.
नए रेट का फायदा सिर्फ इंडियन कस्टमर को
गूगल ने बुधवार को बताया कि नए रेट का फायदा सिर्फ इंडिया के कस्टमर को मिलेगा. कंपनी सख्ती से इसकी जांच करेगी कि सस्ती कीमतों का फायदा सिर्फ इंडिया के लोग ही उठा सकें. एक अगस्त ने इनकी बिलिंग भी रुपये में की जाने लगेगी. फिलहाल जो जियोकोडिंग एपीआई 5 डॉलर के रेट में मिल रही थी, वह अब 1 50 डॉलर में ही मिल जाएगी.