Thursday, September 19, 2024
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Lok Sabha Election Exit Poll 2024: क्या पलट जाएगा एग्जिट पोल का रिजल्ट? जानें सी वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख ने क्या कहा

Lok Sabha Election Exit Poll 2024: सी-वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख ने कहा कि राजस्थान में वोटिंग का टर्नआउट बहुत अच्छा नहीं था, लेकिन जिन सीटों पर मुकबला कड़ा था वहां टर्नआउट अच्छा था.

सातों चरणों की वोटिंग के बाद शनिवार (1 जून) को एग्जिट पोल के नतीजे भी आ गए. लगभग सभी एग्जिट पोल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अगुआई वाले एनडीए की भारी बहुमत से जीत की तस्वीर पेश कर रहे हैं. एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर तमाम पॉलिटिकल पार्टियों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और कई विपक्षी दलों का तो दावा है कि 4 जून को जो नतीजे आएंगे, वो एग्जिट पोल से एकदम उलट होंगे. सी वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख ने बताया कि जहां एकतरफा मुकाबला है शायद वहां कई लोग वोट न डालें.

यशवंत देशमुख ने बताया कि 4 फीसदी वोटर का कहना था कि वह शायद वोट इसलिए न डालें क्योंकि वहां पक्की जीत या पक्की हार थी. उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद उन्होंने एक हाइपोथीसिस दी थी और प्री पोल सर्वे में भी ये बात बोली थी कि जहां पर मुकाबला एकतरफा दिख रहा है वहां पर मतदान कम होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि ऐसी सीटों पर कई बार ऐसा होता है कि जो एकतरफा जीत रहा है उसके लिए लोग कहते हैं कि क्या फायदा जाने का जीत रहा ही है. जो हार रहा एक तरफा तो भी लोग कहते हैं कि जाकर वोट देने से क्या फायदा हार तो रहे ही हैं. यशवंत देशमुख ने बताया कि उनके लास्ट ट्रैक में 4 फीसदी लोग ऐसे थे, जिनका ऐसा मानना था. वही 4 फीसदी का गैप हमें दिखना शुरू हुआ.

यशवंत देशमुख ने आगे कहा कि तीसरे चरण के बाद मतदान बेहतर होना शुरू हुआ तब उन्होंने हाइपोथीसिस ये दी थी कि जहां पर  मुकाबला अच्छा है, वहां पर टर्नआउट हेल्दी है. पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार और कर्नाटक में बाकी राज्यों के मुकाबले टर्नआउट बहुत हेल्दी और बहुत अच्छा रहा. उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि अगर आप ध्यान दें कि जिन राज्यों में टर्नआउट गिर गया, जैसे राजस्थान में टर्नआउट बहुत बुरी तरह गिर गया, लेकिन वहां की जिन पांच सीटों पर मुकाबला अच्छा था वहां टर्नआउट बढ़ गया और जिन सीटों पर मुकाबला एकतरफा था वहां टर्नआउट गिर गया.’

यशवंत देशमुख ने आगे कहा, ‘एनडीए के लिए  400 पार जाना नामुकिन नहीं है, लेकिन मुश्किल है. अगर मैं हमारा सीटों का जो आकलन है, अगर प्लस माइनस 40 सीटों की रेंज दे दूं तो वो भी 400 पार टच कर जाएगा. मैं उतनी बड़ी रेंज देने में विश्वास नहीं करता. 400 पार अभी भी मुझे लगता है कि मुश्किल है. बहुत सारी अभी भी ऐसी जगह हैं, जहां बीजेपी को बड़ी तादाद में सीटें जीतनी पड़ेंगी, जहां कभी नहीं जीती हैं. इस कारण मैं उसके ऊपर अभी भी कंजर्वेटिव रहूंगा. मैं ये नहीं कहूंगा कि नामुमकिन है क्योंकि कई बार लहर होती है. लहर का मतलब ये नहीं जो दिखाई दे. कई बार लोग मन बना चुके होते हैं.’

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