Zerodha Customers Holding: भारतीय शेयर बाजार बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का एमकैप हाल ही में 400 लाख करोड़ रुपये के पार निकला है…
पिछले कुछ सालों में भारतीय शेयर बाजार का साइज तेज गति से बढ़ा है. खासकर कोविड के बाद शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या और आकार दोनों में कई गुना तेजी आई है. अब जीरोधा के को-फाउंडर नितिन कामथ ने इस बारे में एक दिलचस्प आंकड़ा शेयर किया है.
जीरोधा के ग्राहकों के पास इतने के शेयर
कामथ ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर एक अपडेट में बताया है कि जीरोधा के कस्टमर के पास कितने शेयर हैं. उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अभी अकेले जीरोधा के ग्राहकों के डीमैट अकाउंट में 4.5 लाख करोड़ रुपये के एसेट हैं. नितिन कामथ लिखते हैं- इससे पता चलता है कि भारतीय बाजार का कोविड के बाद किस तरह से विस्तार हुआ है.
अभी इतना बड़ा हो चुका बाजार
नितिन कामथ की बात बेबुनियाद भी नहीं है. हाल ही में भारतीय शेयर बाजार ने नया कीर्तिमान कायम किया है. देश के प्रमुख शेयर बाजारों में एक बीएसई का एमकैप इसी सप्ताह पहली बार 400 लाख करोड़ रुपये के पार निकला है. यह एमकैप बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का सम्मिलित एमकैप है. बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अभी उसके प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड सभी कंपनियों का सम्मिलित एमकैप 402 लाख 19 हजार 353 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
इन कारणों से बढ़ता जा रहा आकार
डॉलर टर्म में बीएसई का मौजूदा एमकैप 4.85 ट्रिलियन डॉलर है. इससे कुछ ही महीने पहले नवंबर 2023 के अंत में बीएसई का एमकैप पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर के पार निकला था. बीएसई के आकार में लगातार लिस्ट हो रही नई कंपनियों और प्रमुख सूचकांकों में लगातार आ रही तेजी से विस्तार हो रहा है. मेनबोर्ड और एसएमई को मिलाकर पिछले साल 100 से ज्यादा आईपीओ लॉन्च हुए. वहीं पिछले वित्त वर्ष में सेंसेक्स में 25 फीसदी की, जबकि मिड व स्मॉल कैप में 50-60 फीसदी की तेजी आई.
इस तरह से हुआ बीएसई का विस्तार
भारतीय करेंसी में देखें तो बीएसई का एमकैप पहली बार मार्च 2014 में 100 लाख करोड़ रुपये के पार निकला था. उसके बाद एमकैप को 200 लाख करोड़ रुपये के पार निकलने में लगभग सात साल लग गए थे और फरवरी 2021 में यह माइलस्टोन हासिल हुआ था. बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का सम्मिलित एमकैप जुलाई 2023 में 300 लाख करोड़ रुपये के पार निकला था और अब अप्रैल 2024 में आंकड़ा 400 लाख करोड़ रुपये के पार निकल चुका है. यानी 100 से 200 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने में बीएसई को जहां सात साल लग गए थे, वहीं उसने महज 9 महीने में 300 से 400 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा हासिल कर लिया है.