Friday, November 15, 2024
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 फिलीपींस के एक्सपर्ट ने चीन को बताई इंडियन नेवी की ताकत, कहा- भारत है समंदर का असली बॉस

मर्चेंट शिप एमवी रूएन पर मौजूद चालक दल में म्यामांर, बुल्गारिया और अंगोला के लोग थे, जिन्हें बंधक बनाया हुआ था. युद्धपोत INS कोलकाता ने 35 समुद्री लुटेरों को घेरकर सरेंडर करने के लिए मजबूर कर दिया.

भारत ने समंदर में मर्चेंट शिप एमवी रूएन को समुद्री लुटेरों से छुड़ाकर अपने बढ़ते प्रभाव का एक और उदाहरण पेश किया है. 2600 किलोमीटर दूर से मरीन कमांडो ने 35 समुद्री लुटेरों से सरेंडर करवाया और शिप पर मौजूद चालक दल के 17 सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. भारतीय नौसेना और इंडियन एयरफोर्स ने मिलकर इस ऑपरेशन को पूरा किया. अब सेना के इस कारनामे की तारीफ चारों तरफ हो रही है और विदेशी एक्सपर्ट भी भारत की ताकत का लोहा मान रहे हैं.

फिलीपींस के एक्सपर्ट ने चीन को आईना दिखाया और कहा कि समंदर का असली बॉस तो भारत ही है. समुद्र में चीन का कई देशों से विवाद है, दक्षिण चीन सागर में भी वह अपना हक जमाता है. इसे लेकर फिलीपींस समेत कई देशों से उसका विवाद है. फिलीपींस के मैरीटाइम सिक्योरिटी एक्पर्ट कॉलिन को ने भारत की तारीफ की है और साथ ही चीन को भी इशारों में चिढ़ाया है. कॉलिन को ने कहा कि भारत का यह ऑपरेशन उनको मात देता है जो झूठे प्रचार-प्रसार के लिए आकर्षक वीडियो पब्लिश करना पसंद करते हैं. उनका यह इशारा चीन की तरफ था.

कैसे 35 समुद्री डाकुओं से छुड़ाया जहाज
14 दिसंबर, 2023 को मर्चेंट शिप को समंदर में समुद्री डाकुओं ने हाईजैक कर लिया था. शिप पर 17 दल अधिक दल बुल्गारिया, म्यांमार और अंगोला से थे. आईएनएस कोलकाता ने 40 घंटे से भी ज्यादा समय तक चले ऑपरेशन में एमवी रूएन को छुड़ा लिया. मिशन में वॉरशिप आईएनएस सुभद्रा, मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट P-8I, हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोन को भी शामिल किया गया था. इसके अलावा, वायुसेना के एयरक्राफ्ट C-17 से इंडियन नेवी के समुद्री कमांडो (Marcos) भेजे गए थे. 10 घंटे तक यह विमान उड़ता रहा. इस दौरान, समुद्री कमांडो ने एमवी रूएन पर मौजूद 35 डाकुओं को घेर लिया और उन्हें निहत्था करके सरेंडर करवाया.

अधिकारियों ने बताया कि एमवी रूएन जहाज का इस्तेमाल समुद्री डकैती के लिए किया जा रहा था और इस पर कई लोगों को बंधी बनाया गया था. उन्होंने बताया कि 2600 किलोमीटर दूर से भारतीय कमांडो ने लुटेरों को सरेंडर करने के लिए मजूबर कर दिया. पिछले कुछ समय में इंडियन नेवी ने पश्चिमी हिंद महासागर में हमलों के शिकार कई व्यापारिक जहाजों की मदद की है. इसी महीने की शुरुआत में नौसेना ने सोमालिया के पूर्वी तट पर 11 ईरानी और आठ पाकिस्तानी नागरिकों के मछली पकड़ने वाले जहाज पर समुद्री डकैती की कोशिश को विफल कर दिया.

जनवरी में आईएनएस सुमित्रा ने सोमालिया के पूर्वी तट पर एक जहाज के चालक दल के 19 पाकिस्तानी सदस्यों को बचाया था. 5 जनवरी को नौसेना ने अरब सागर में लाइबेरिया के जहाज एमवी लीला नोरफोक को किडनैप करने की कोशिश को विफल कर चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया.

बुल्गारिया के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री कहा शुक्रिया
एमवी रुएन एक बुल्गोरियाई जहाज है. एमवी रुएन पर 37,800 टन माल लदा था, जिसकी कीमत 10 लाख अमेरिकी डॉलर है. जहाज और चालक दल को सुरक्षित छुड़ाने के लिए भारतीय नौसेना और वायुसेना ने बहादुरी दिखाई है, उसकी बुल्गारिया के राष्ट्रपति रुमेन राडव ने भी तारीफ की है. साथ ही उन्होंने सेना का धन्यवाद किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया और सेना की बहादुरी की भी तारीफ की है. शिप पर बुल्गोरिया के 7 नागरिक मौजूद थे. बुल्गोरिया के विदेश मंत्री मारिया गेब्रियल ने भी आभार व्यक्त किया, जिस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- दोस्त इसके लिए ही होते हैं.

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