RBI Report: रिपोर्ट के अनुसार शिकायतों की संख्या 7 लाख से भी ज्यादा रही है. हालांकि, इनके निपटारे में भी तेजी आई है.
RBI Report: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मुताबिक, देश में बैंकों के खिलाफ शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं. रिजर्व बैंक ओमबड्समैन स्कीम (Ombudsman Schemes) के तहत दर्ज शिकायतों की संख्या 7 लाख के आंकड़े को पार कर गई हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 68 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है. ये शिकायतें मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग, लोन एवं एडवांस, एटीएम एवं डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पेंशन पेमेंट, पैसा ट्रांसफर और पैरा बैंकिंग जैसे मसलों पर आधारित थीं. इसमें सबसे ज्यादा लगभग 1.96 लाख शिकायतें बैंकों के खिलाफ आई हैं.
आरबीआई ओमबड्समैन स्कीम पर जारी हुई रिपोर्ट
आरबीआई ओमबड्समैन स्कीम (लोकपाल योजना) पर सोमवार को जारी एक रिपोर्ट से इन आंकड़ों का खुलासा हुआ. रिजर्व बैंक की इंटीग्रेटेड ओमबड्समैन स्कीम, 2021 (RB-IOS) के तहत यह पहली रिपोर्ट आई है. इसमें सभी 22 ऑफिस, प्रोसेसिंग सेंटर और कॉन्टेक्ट सेंटर से मिली जानकारी शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार, आरबी-आईओएस, 2021 के तहत मिली शिकायतों का नंबर तेजी से बढ़ा है. वित्त वर्ष 2022-23 में ओआरबीआईओ और सीआरपीसी में कुल 7,03,544 शिकायतें मिली हैं. इसमें 68.24 फीसदी की वृद्धि आई है. यह नंबर जन जागरूकता पहल के चलते ऊपर गया है.
जल्दी हो रहा शिकायतों का निपटारा
रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई ओमबड्समैन स्कीम में बैंकों के खिलाफ कुल 1,96,635 शिकायतें मिली हैं. यह आंकड़ा कुल शिकायतों में सबसे ज्यादा है. ओआरबीआईओ ने वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 2,34,690 शिकायतों का निपटारा किया. साथ ही सीआरपीसी में 4,68,854 शिकायतों का निपटारा किया गया. आरबीआई ने कहा कि शिकायतों का निपटारा औसतन 33 दिन में किया गया. इस आंकड़े में कमी आई है. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान यह 44 दिन था. रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतों में से 57.48 फीसदी का समाधान आपसी समझौते, सुलह और मध्यस्थता के माध्यम से किया गया. बाकी की शिकायतें या तो खारिज कर दी गईं या फिर उन्हें वापस ले लिया गया.
मोबाइल और ई बैंकिंग के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें
बैंकों के साथ ही नॉन बैंकिंग पेमेंट सिस्टम के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें मोबाइल बैंकिंग (Mobile Banking) या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग (Electronic Banking) के संबंध में की गईं. एनबीएफसी (NBFC) के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें फेयर प्रैक्टिस कोड का पालन न करने से जुड़ी हुई थीं. सबसे ज्यादा शिकायतें चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से और सबसे कम मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश से की गईं.