पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेरिस में बैस्टिल डे परेड में सम्मानित किया गया था. अब उसी तरह भारत में फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों को सम्मानित किया जाएगा.
भारत के 75वें गणतंत्र दिवस पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों मुख्य अतिथि होंगे. गुरुवार (25 जनवरी) को पहले जयपुर में वह एक खास कार्यक्रम में शामिल होंगे और यहां की सैर करेंगे. इसके बाद 26 जनवरी को वह गणतंत्र दिवस परेड में चीफ गेस्ट के तौर पर उपस्थित होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैक्रों की बैठक में रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा और भारतीय छात्रों एवं पेशेवरों को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, इमैनुअल मैक्रों की यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब दोनों देशों की ओर से बड़े रक्षा सौदों पर चर्चा हो रही है. 26 राफेल-एम (मैरिन वर्जन) फाइटर जेट और तीन फ्रेंच डिजाइन्ड स्कॉर्पीन सबमरीन की डील को लेकर बात चल रही है और दोनों देशों के अधिकारी डील को अंतिम रूप देने पर विचार कर रहे हैं. राष्ट्रपति मैक्रों के साथ एक मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा.
शांति और सुरक्षा
रीडआउट में कहा गया कि राष्ट्रपति मैक्रों की यात्रा फ्रांस-भारत रणनीतिक साझेदारी के महत्वाकांक्षी नवीनीकरण को मजबूत करेगी, जिसे दोनों नेताओं ने 14 जुलाई को पेरिस में हॉरिजोंटल 2047 रोडमैप के जरिए तय किया था. इसमें आगे कहा गया कि अपनी रणनीतिक साझेदारी के शुभारंभ के पच्चीस साल बाद फ्रांस और भारत ने अगले 25 वर्षों के लिए नए साझा लक्ष्यों की शुरुआत की है. रीडआउट में सुरक्षा संबंधों को लेकर कहा गया कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में योगदान देने में महत्वपूर्ण भागीदार हैं. खासतौर से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जहां फ्रांस और भारत संयुक्त रणनीति लागू करते हैं.
व्यापारिक संबंध
रीडआउट में कहा गया कि राष्ट्रपति मैक्रों की यह यात्रा जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि, गरीबी उन्मूलन और नई तकनीकियों से हुए परिवर्तनों समेत हमारे समय की प्रमुख चुनौतियों का जवाब देने के लिए आम पहल को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी. रीडआउट में यह भी कहा गया कि यह विजिट भारतीय छात्रों, कलाकारों, निवेशकों और पर्यटकों के लिए अधिक अवसर पैदा करने की फ्रांस की प्रतिबद्धता पर भी जोर देगी. भारतीय छात्रों और प्रोफेशनल्स को लेकर कहा गया कि इस पर खास ध्यान दिया जाएगा और फ्रांस 2030 तक 30 हजार भारतीय छात्रों का स्वागत करना चाहता है. साथ ही मैक्रों सरकार के ‘मेक इट आइकॉनिक’ अभियान के तहत व्यापारिक संबंधों और क्रॉस निवेश को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिसमें भारत प्राथमिकता वाले देशों में शामिल है.
भारत के निमंत्रण पर जताई खुशी
एक फ्रांसिसी रीडआउट में कहा गया कि गणतंत्र दिवस पर भारत की ओर से भेजा गया निमंत्रण अभूतपूर्व है, जो दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती, आपसी विश्वास और अटूट मित्रता को दिखाता है. पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पेरिस में बैस्टिल डे परेड में सम्मानित किया गया था. अब वैसा ही सम्मान भारत में फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों को दिया जाएगा.