प्रीतम सिंह ने अधिकारियों पर लगाए बात न सुनने के आरोप
सत्तापक्ष के विधायकों ने भी किया प्रीतम सिंह की बात का समर्थन
विधायकों के प्रोटोकॉल उल्लंघन से विधानसभा अध्यक्ष हुईं नाराज
विधानसभा अध्यक्ष ऋ तु खंडूरी ने किया मुख्य सचिव को तलब
इस तरह के मामले नहीं किए जाएंगे बर्दाश्त- स्पीकर
अधिकारियों को सम्मान के साथ सुननी होगी माननीयों की बात- स्पीकर
उत्तराखंड में अक्सर देखने और सुनने को मिलता है कि ब्यूरोक्रेट्स और अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से नहीं लेते… उनकी बात नहीं सुनते और इन सब की शिकायतें वक्त-वक्त पर सामने आती भी रहीं हैं… विपक्ष से लेकर सत्ताधारी विधायक अधिकारियों पर बात न सुनने के आरोप लगाते रहे हैं और अब एक बार फिर से ये मुद्दा विधायकों की ओर से उठाया गया है…
उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान सदन में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि अधिकारी विधायकों का फोन नहीं उठाते हैं और न ही अपनी जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन करते हैं. बेलगाम ब्यूरोक्रेसी का मुद्दा न सिर्फ विपक्ष के विधायक ने उठाया, बल्कि सत्ताधारी पार्टी के कई विधायकों ने भी अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. सरकार के कई विधायकों ने भी इस मामले में प्रीतम सिंह का साथ दिया.
इस मुद्दे को विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव को तलब किया. विधायकों की इस शिकायत पर स्पीकर ने कहा कि वो तीसरी बार सरकार को इस बारे में निर्देशित कर रही हैं. यदि उनका निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो वो मजबूरी में LBSNA एकेडमी को एक पत्र लिखेंगी कि जिसमें कहा जाएगा कि अधिकारियों को प्रोटोकॉल सिखाया जाए. इस विषय को विशेषाधिकार हनन समिति को भी भेज रही हूं.
बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी जन प्रतिनिधि ने ब्यूरोक्रेसी और अधिकारियों पर बात न सुनने का आरोप लगाया हो… अक्सर ये बात नेताओं द्वारा कही जाती रही है की ब्यूरोक्रेसी बेलगाम हो चुकी है और अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनते…