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Sunday, December 28, 2025
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BCCI से सैलरी पाने के लिए कितनी पढ़ाई जरूरी? जानें टीम में एंट्री का पूरा प्रोसेस

टीम इंडिया में जगह बनाने और बीसीसीआई से सैलरी पाने के लिए किसी खास डिग्री की जरूरत नहीं होती। इसके लिए सबसे अहम चीज है क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन, फिटनेस और अनुशासन। अगर आपका सपना टीम इंडिया की जर्सी पहनना और बीसीसीआई से सैलरी पाना है, तो यह जानना जरूरी है कि यहां चयन पढ़ाई के आधार पर नहीं, बल्कि खेल की काबिलियत पर होता है। आम धारणा के उलट, बड़ी डिग्री या उच्च शिक्षा बीसीसीआई की सैलरी से जुड़ी शर्त नहीं है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) खिलाड़ियों को उनकी क्रिकेट स्किल, फिटनेस लेवल, अनुभव और निरंतर प्रदर्शन के आधार पर कॉन्ट्रैक्ट देता है। इसके लिए कोई न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय नहीं की गई है। साफ है कि अगर कोई खिलाड़ी मैदान पर शानदार प्रदर्शन करता है, तो कम पढ़ा-लिखा होने के बावजूद भी वह टीम इंडिया तक पहुंच सकता है। भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे बड़े नाम रहे हैं, जिन्होंने पढ़ाई से ज्यादा फोकस क्रिकेट पर रखा और आज वे करोड़ों रुपये की सैलरी पा रहे हैं। हालांकि, मौजूदा दौर में बेसिक शिक्षा और समझ होना खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद जरूर साबित होता है।

बीसीसीआई में टीम में एंट्री कैसे मिलती है?
टीम इंडिया तक पहुंचने का सफर आसान नहीं होता। इसकी शुरुआत स्कूल और कॉलेज क्रिकेट से होती है, जिसके बाद खिलाड़ी जिला और राज्य स्तर पर खेलते हैं। इसके बाद रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट में प्रदर्शन के आधार पर चयनकर्ताओं की नजर खिलाड़ियों पर पड़ती है।

जो खिलाड़ी लगातार रन बनाते हैं, विकेट लेते हैं या बेहतरीन फील्डिंग करते हैं, उन्हें पहले इंडिया ए टीम और फिर सीनियर नेशनल टीम में मौका मिल सकता है। इसके अलावा, आईपीएल भी आज टीम इंडिया में एंट्री का एक बड़ा मंच बन चुका है, जहां शानदार प्रदर्शन करने वाले कई खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में जगह मिली है।

बीसीसीआई का सैलरी स्ट्रक्चर
बीसीसीआई खिलाड़ियों को ग्रेड सिस्टम के तहत सालाना सैलरी देता है।
ग्रेड A+ खिलाड़ियों को 7 करोड़ रुपये,
ग्रेड A को 5 करोड़ रुपये,
ग्रेड B को 3 करोड़ रुपये और
ग्रेड C खिलाड़ियों को 1 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं।

अनुशासन और फिटनेस सबसे जरूरी
बीसीसीआई में लंबे समय तक बने रहने के लिए सिर्फ टैलेंट काफी नहीं होता। खिलाड़ी को अनुशासन, फिटनेस और टीम के प्रति जिम्मेदारी भी निभानी होती है। समय पर अभ्यास, फिटनेस टेस्ट और टीम के नियमों का पालन बेहद जरूरी है। जो खिलाड़ी इन मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें टीम से बाहर का रास्ता भी देखना पड़ सकता है।

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