Shekhar Kapoor on AI: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर जहां आमतौर पर लोगों में नौकरी जाने का डर देखा जाता है, वहीं फिल्ममेकर शेखर कपूर का मानना है कि एआई मिडिल क्लास के लिए नुकसान नहीं बल्कि बड़े अवसर लेकर आया है। उनका कहना है कि एआई की वजह से पढ़ाई सस्ती होगी, स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा और युवा नौकरी की बजाय अपना काम शुरू करने की ओर बढ़ेंगे।
शेखर कपूर के मुताबिक एआई से असली नुकसान बड़ी कंपनियों को हो रहा है, क्योंकि जिन संस्थानों को मिडिल क्लास लोग चला रहे थे, अब वही वर्ग उनके साथ काम करने के बजाय खुद कुछ नया करने का रास्ता चुन रहा है। एआई ने लोगों को स्वतंत्र रूप से काम करने की ताकत दी है।
उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी फैक्ट्रियों और बड़ी कंपनियों में नौकरी करने के बजाय स्टार्टअप शुरू करने पर ज्यादा ध्यान दे रही है। एआई की मदद से युवा अपने आइडियाज को कम लागत में हकीकत में बदल पा रहे हैं।
शेखर कपूर ने यह भी बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को मिल रहा है। आने वाले समय में एआई का दायरा और बढ़ेगा और इससे जुड़ने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा होगा।

महंगी एजुकेशन का आसान विकल्प है एआई
शेखर कपूर ने कहा कि मौजूदा दौर में शिक्षा बेहद महंगी हो चुकी है, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिडिल क्लास के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जो कोर्स पहले लाखों रुपये में उपलब्ध होते थे, वही अब एआई आधारित प्लेटफॉर्म्स पर मुफ्त या बेहद कम खर्च में मिल रहे हैं।
एआई बदलेगा शिक्षा का पूरा ढांचा
फिल्ममेकर का मानना है कि आने वाले समय में एआई शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह बदल देगा। जो ज्ञान पहले किताबों और कोचिंग सेंटर्स तक सीमित था, वह अब चैटजीपीटी जैसे एआई प्लेटफॉर्म्स के जरिए आसानी से हर किसी तक पहुंच रहा है।
कोचिंग इंडस्ट्री को लगेगा झटका
शेखर कपूर ने बताया कि देश में गली-मोहल्लों तक फैली कोचिंग इंडस्ट्री करीब 25 बिलियन डॉलर का बिजनेस बन चुकी है, लेकिन अब वही कंटेंट एआई के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध होने लगा है, जिससे इस सेक्टर को बड़ा झटका लग सकता है।
नौकरी नहीं, सपनों को प्राथमिकता देगा युवा
अंत में उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में युवा सिर्फ नौकरी के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि अपने काम और सपनों को ज्यादा महत्व देंगे। इस बदलाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाला है।

