No menu items!
Thursday, December 11, 2025
spot_img

Latest Posts

राम मंदिर से कितनी दूर है नई मस्जिद की जमीन? बाबरी विध्वंस बरसी पर जानें पूरी दूरी

Babri Masjid Demolition Anniversary:
आज से ठीक 33 साल पहले, 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। जहां एक ओर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है, वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा मस्जिद के लिए आवंटित जमीन पर निर्माण कार्य अभी शुरू होना बाकी है। ऐसे में आइए जानें कि राम मंदिर से वह स्थान कितनी दूरी पर स्थित है, जहां मस्जिद के लिए भूमि दी गई है।

मस्जिद निर्माण का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर स्थल पर ध्वज फहराया, लेकिन दूसरी ओर मस्जिद प्रोजेक्ट, जिसे 2019 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत मंदिर के समानांतर विकसित किया जाना था, अभी भी कागजों पर ही अटका हुआ है। करीब चार साल पहले जमीन आवंटित हो चुकी है, फिर भी अब तक निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं हो सकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में अयोध्या विवाद पर अपने ऐतिहासिक फैसले में पूरी विवादित भूमि राम लल्ला विराजमान को सौंप दी थी। साथ ही निर्देश दिया था कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में किसी अन्य स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाए। इसी आदेश के तहत सरकार ने सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ का प्लॉट आवंटित किया। बता दें कि यह स्थान अयोध्या शहर से लगभग 20–25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

अयोध्या विवाद कई दशक पुराना धार्मिक और कानूनी संघर्ष रहा है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने पहली बार 18 दिसंबर 1961 को दावा दायर किया था, जिसमें कहा गया कि 1949 तक बाबरी मस्जिद में नियमित रूप से नमाज़ अदा की जाती थी। उनके अनुसार 22-23 दिसंबर 1949 की रात मस्जिद के भीतर भगवान राम की मूर्ति रखी गई, जिसके बाद प्रशासन ने उस स्थल को बंद कर दिया। दूसरी ओर, हिंदू पक्ष का कहना था कि बाबरी ढांचा भगवान राम के जन्मस्थान पर मौजूद एक प्राचीन मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। इस बहुस्तरीय विवाद ने वर्षों तक कानूनी लड़ाइयों, राजनीतिक टकराव और सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया।

लंबी सुनवाई के बाद, 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला दिया—एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को और दो हिस्से हिंदू पक्ष को। लेकिन इस निर्णय से कोई भी पक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। अंततः 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने पूरी विवादित जमीन हिंदू पक्ष को सौंप दी और मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.