
Indigo Share Update: इंडिगो पर छाए ऑपरेशनल संकट का असर अब उसके शेयरों पर साफ दिखाई देने लगा है। बीते चार ट्रेडिंग सेशंस में इंटरग्लोब एविएशन के शेयर 7% से ज्यादा टूट चुके हैं। एयरलाइन की स्थिति इस कदर प्रभावित हुई है कि चार दिनों में 1,700 से अधिक फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं, जिससे देशभर के एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की भारी भीड़ और नाराजगी देखी जा रही है।
शुक्रवार को BSE पर इंडिगो का शेयर 1.22% गिरकर 5,371.30 रुपये पर बंद हुआ, जबकि इंट्राडे में यह 3.15% तक फिसल गया। NSE पर भी स्टॉक 1.27% टूटकर 5,367.50 रुपये पर बंद हुआ। 1 दिसंबर से कंपनी का मार्केट कैप 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा घट चुका है। पिछले एक साल में शेयर में उछाल जरूर देखा गया है, लेकिन बीते एक महीने में यह 5.7% गिर चुका है और मौजूदा संकट के बीच करीब 8.8% नीचे ट्रेड कर रहा है।
लगातार चार दिनों से इंडिगो का नेटवर्क चरमराया हुआ है। शनिवार को भी 350 से अधिक फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं, जिससे एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का माहौल है। इंडिगो के पास घरेलू ट्रैफिक का लगभग दो-तिहाई शेयर है, इसलिए इसका ऑपरेशनल संकट पूरे एयर ट्रैवल सिस्टम को प्रभावित कर रहा है।
यह पूरा संकट DGCA की नई फ्लाइंग-टाइम नियमावली के बाद बढ़ा, जिसके तहत पायलटों को हफ्ते में अनिवार्य दो दिन की छुट्टी और नाइट ड्यूटी के लिए सख्त समयसीमा तय की गई। DGCA ने 1 नवंबर से लागू हुए इस बदलाव को इंडिगो के हालात देखते हुए तुरंत वापस ले लिया। इंडिगो ने फ्लाइट कैंसिलेशन के पीछे ‘गलतफहमी’ और ‘प्लानिंग में कमी’ को जिम्मेदार बताते हुए 10–15 दिसंबर के बीच स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई है।
इसी बीच, जुलाई–सितंबर तिमाही में इंडिगो को बड़ा झटका लगा है। एयरलाइन का नेट लॉस 161% बढ़कर 2,582 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि इस दौरान रेवेन्यू 9.3% बढ़कर 18,555 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, लेकिन फॉरेन एक्सचेंज कॉस्ट 240 करोड़ से बढ़कर 2,892 करोड़ रुपये हो जाने के कारण कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

