
हज यात्रा 2026 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और नए साल के अप्रैल महीने से यात्रा आरंभ होगी। उत्तर प्रदेश से इस बार 18,760 यात्री हज पर जाएंगे। इसी बीच सऊदी सरकार ने हज यात्रियों के लिए कई बड़े बदलाव लागू किए हैं। नए नियमों के अनुसार, यात्रा के दौरान पति-पत्नी को एक ही कमरे में ठहरने की अनुमति नहीं होगी। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, हज यात्रियों को इस बार कमरे साझा करने और रसोई की सुविधा की कोई छूट नहीं मिलेगी। पिछले वर्ष भारत सरकार ने भारतीय यात्रियों की उम्र और सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए संयुक्त कमरों और स्वयं भोजन बनाने की सुविधा के लिए विशेष अनुमति मांगी थी, लेकिन इस बार सऊदी सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी।
इन बदलावों के कारण हज यात्रा का खर्च बढ़ने की संभावना है। हालांकि अन्य देशों के लिए ये नियम पहले से लागू थे, लेकिन भारतीय यात्रियों को कुछ विशेष रियायतें मिलती थीं। नए निर्णय के बाद भारत सरकार और हज कमेटी कैटरिंग और अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, दंपतियों को अलग-अलग कमरों में तो रहना होगा, लेकिन उन्हें एक ही इमारत में ठहराने को प्राथमिकता दी जाएगी। पुरुष और महिलाएं अपने-अपने रिश्तेदारों के साथ अलग कमरों में रह सकेंगे। साथ ही एक शहर के यात्रियों को एक ही बिल्डिंग में रखने की व्यवस्था की जाएगी।
हज यात्रा के दौरान यात्रियों को सुरक्षा और सहायता के लिए एक स्मार्ट वॉच भी दी जाएगी, जो हज सुविधा ऐप 2.0 से जुड़ी होगी। वॉच में मौजूद इमरजेंसी बटन के माध्यम से यात्री आवश्यकता पड़ने पर तुरंत सिग्नल भेज सकेंगे।

