India Oil Import: 2021 के बाद से गुयाना से भारत के लिए यह पहला क्रूड शिपमेंट है. उस दौरान भी 1 मिलियन बैरल क्रू ऑयल लादकर दो कार्गो रवाना हुए थे.

India Oil Import: रूस पर जब से अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है, तब से भारत के लिए आफत खड़ी हो गई है. भारत को अब दूर-दरदराज के देशों से क्रूड ऑयल खरीदना पड़ रहा है. ब्लूमबर्ग के शिप-ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक, भारत ने अब गुयाना से क्रूड ऑयल खरीदना शुरू कर दिया है.
इसके लिए भारतीय टैंकरों को लगभग 11,000 मील (17,700 किलोमीटर) की लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, दो बड़े क्रूड कैरियर कोबाल्ट नोवा और ओलंपिक लायन नवंबर के आखिरी दिनों में दक्षिण अमेरिका में बसे देश गुयाना से निकल पड़े हैं, जिनमें से हर एक में लगभग 2 मिलियन बैरल तेल भरा हुआ था. ये टैंकर जनवरी में भारत पहुंचने वाले हैं.
रूस का विकल्प ढूंढ़ रहा भारत
रूस से डिस्काउंट पर मिल रहा था तेल
भारत दुनिया में क्रूड ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है, जिसने पिछले साल रूस से 52.7 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा था, जो रूस के कुल निर्यात का 37 परसेंट था. भारत रूस के अलावा, इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, नाइजीरिया और अमेरिका से भी कच्चे तेल का अयात करता है. हालांकि, खास बात यह है कि भारत को रूस से डिस्काउंट रेट पर कच्चा तेल मिलता है. साल 2022-23 में भारत को रूसी तेल पर औसतन 14.1 परसेंट और 2023-24 में 10.4 परसेंट तक की छूट मिली. इससे भारत को लगभग 5 अरब डॉलर तक की सेविंग्स हुई.
दोनों जहाजों का यह है डेस्टिनेशन
ओलंपिक लायन, गुयाना के गोल्डन एरोहेड क्रूड का एक कार्गो भारत के पूर्वी तट पर पारादीप जा रहा है, जहाa सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्प. 300,000 बैरल-प्रतिदिन की रिफाइनरी चलाती है. इसने अक्टूबर में एक टेंडर के जरिए एक्सॉनमोबिल इंक. से कार्गो खरीदा था. कोबाल्ट नोवा, जिसमें लिजा और यूनिटी गोल्ड ग्रेड का मिला-जुला कार्गो है, शायद मुंबई या विशाखापत्तनम में उतारेगा, जहां हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प. प्लांट चलाती है. कंपनी ने दिसंबर के आखिर से जनवरी की शुरुआत तक डिलीवरी के लिए इन ग्रेड में से हर एक के 1 मिलियन बैरल खरीदे.

