
जस्टिस सूर्यकांत के नए CJI के रूप में कार्यभार संभालते ही उनकी सैलरी और मिलने वाली सुविधाओं को लेकर चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद मुख्य न्यायाधीश की बेसिक सैलरी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है। सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रशासित किया। इसी के साथ उनका 15 महीने का कार्यकाल शुरू हो गया है। CJI भूषण आर. गवई ने संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत उनका नाम अगले मुख्य न्यायाधीश के लिए प्रस्तावित किया था, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही उनकी नियुक्ति औपचारिक हो गई। अब जब उन्होंने पदभार संभाल लिया है, तो स्वाभाविक रूप से यह सवाल उठ रहा है कि भारत के CJI को फिलहाल कितना वेतन मिलता है और 8वें पे कमीशन के लागू होने के बाद उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है।
मुख्य न्यायाधीश का पद अत्यंत प्रतिष्ठित होने के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारी से भी जुड़ा होता है। देश की संपूर्ण न्याय प्रणाली—सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक—की देखरेख CJI के हाथों में होती है। संविधान और कानून से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसलों में उनका मार्गदर्शन अहम भूमिका निभाता है। इसी वजह से उन्हें न केवल सम्मानजनक वेतन मिलता है, बल्कि कई सरकारी सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। वर्तमान में भारत सरकार के नियमों के अनुसार CJI को प्रति माह 2.80 लाख रुपये बेसिक सैलरी दी जाती है, जो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जज वेतन अधिनियम के तहत निर्धारित है।
मुख्य न्यायाधीश को कई विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं, जिनमें दिल्ली में शानदार सरकारी आवास, मोबाइल और लैंडलाइन की मुफ्त सुविधा, देश-विदेश में सरकारी खर्च पर यात्रा, लगभग मुफ्त बिजली-पानी, मुफ्त मेडिकल सुविधा, निजी ड्राइवर और सहायक, साथ ही सुरक्षा कवच शामिल हैं। रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें पेंशन और सुरक्षा की सुविधाएं मिलती रहती हैं। अब 8वें वेतन आयोग के लागू होने की चर्चा के बीच अनुमान लगाया जा रहा है कि CJI का बेसिक वेतन भी बढ़ सकता है। माना जा रहा है कि 8वें पे कमीशन में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रहने की संभावना है। अगर इसे 1.83 माना जाए, तो CJI की सैलरी बढ़कर लगभग 5 लाख रुपये प्रतिमाह तक पहुंच सकती है।

