कई इलाकों में AQI 400–450 तक चला गया, जो गंभीर श्रेणी माना जाता है. ऐसी स्थिति में न सिर्फ बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग बल्कि पूरी आबादी स्वास्थ्य जोखिम में आ जाती है. इसलिए आयोग ने सलाह दी है.

दिल्ली-एनसीआर में हर सर्दियों की तरह इस साल भी हवा बेहद जहरीली होती जा रही है. नवंबर के आते-आते स्मॉग की मोटी परत शहर को ढक लेती है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है. दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद जैसे शहरों में हवा की गुणवत्ता इतने खराब लेवल पर पहुंच गई है कि सरकार को एक बार फिर GRAP यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के कड़े नियम लागू करने पड़े हैं.
कई इलाकों में AQI 400–450 तक चला गया, जो गंभीर श्रेणी माना जाता है. ऐसी स्थिति में न सिर्फ बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग बल्कि पूरी आबादी स्वास्थ्य जोखिम में आ जाती है. इसलिए आयोग ने सलाह दी है कि ग्रैप-III में कुछ नियम ग्रैप-IV जैसे ही सख्त किए जाएं, ताकि प्रदूषण को और बढ़ने से रोका जा सके. इसी के चलते अब सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल यह है कि क्या ग्रैप-3 लगने पर प्राइवेट ऑफिसों में भी वर्क फ्रॉम होम मिलेगा.
GRAP क्या है?
GRAP यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान एक ऐसा सिस्टम है जिसे हवा की क्वालिटी के हिसाब से चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाता है. जैसे-जैसे AQI खराब होता जाता है, वैसे-वैसे नियम सख्त होते जाते हैं. GRAP में 4 स्टेज होती हैं. जिसमें स्टेज 1, खराब हवा, स्टेज 2 बहुत खराब हवा, स्टेज 3 गंभीर हवा, स्टेज 4 बेहद गंभीर या आपात स्तर.
GRAP-3 में क्या होता है और क्या वर्क फ्रॉम होम मिलेगा?
जब हवा बहुत खराब से भी ज्यादा बिगड़कर Severe कैटेगरी में चली जाती है, तब GRAP-3 लागू होता है. इस बार स्थिति इतनी खराब है कि GRAP-3 में GRAP-4 के कुछ नियम भी जोड़ने की सलाह दी गई है. इनमें सबसे जरूरी नियम 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम की अनुमति है, जो प्राइवेट ऑफिस, NCR की राज्य सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में और प्राइवेट ऑफिसों में भी 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम लागू करने का फैसला कर सकती हैं. केंद्र सरकार चाहे तो अपने कर्मचारियों के लिए 50 प्रतिशत तक वर्क फ्रॉम होम लागू कर सकती है. GRAP-3 लागू होने पर प्राइवेट ऑफिस में भी वर्क फ्रॉम होम मिल सकता है, अगर राज्य सरकारें इसे लागू करने का फैसला लें.
क्यों लिया जा रहा है यह फैसला?
हवा कई जगह 400 से 450 तक पहुंच चुकी है, जो बेहद खतरनाक स्तर है. गाजियाबाद के लोनी, दिल्ली के आनंद विहार, विवेक विहार, रोहिणी, वजीरपुर जैसे इलाकों में AQI रिकॉर्ड ऊंचा है. नोएडा के कई सेक्टरों में भी 430 से ऊपर AQI मापा गया.ऐसे में वर्क फ्रॉम होम रखने का मकसद है कि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो, ताकि हवा में धुआं कम फैले और प्रदूषण स्तर नीचे आए.

