
भारत में नकली नोट बनाना या छापना गंभीर आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा अपराध माना जाता है, इसलिए इसकी सजा बेहद कड़ी है। हाल ही में भोपाल में एक मामला सामने आया, जहां विवेक यादव नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जो अपने किराए के कमरे में नकली नोट छाप रहा था। आरोपी ने प्रिंटर, स्कैनर और कच्चा माल का इस्तेमाल कर 500 रुपये के नकली नोट तैयार किए थे।
यदि कोई व्यक्ति घर पर नकली नोट बनाने की कोशिश करता है, तो भारतीय कानून (बीएनएस अधिनियम) के तहत इसे गंभीर अपराध माना जाता है। धारा 178 के अनुसार नकली नोट बनाने या उसके डिजाइन में बदलाव कर असली जैसा बनाने पर 10 साल की जेल या आजीवन कारावास हो सकता है, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
सिर्फ नोट बनाने के उपकरण रखने पर भी सजा है। धारा 179 के तहत प्रिंटर, विशेष कागज या मशीन रखने पर 7 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है। वहीं नकली नोट चलाने या जानबूझकर इस्तेमाल करने पर धारा 180 के अनुसार 7 साल की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है। इस तरह कानून नकली मुद्रा से जुड़े हर पहलू को गंभीरता से लेता है।

