
बिहार की राजनीति में बड़ा upheaval देखने को मिला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की आखिरी बैठक के तुरंत बाद राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश कुमार, जो वर्ष 2000 से 2024 के दौरान नौ बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, ने 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के तीन दिन बाद पद छोड़ा। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उनसे नई सरकार बनने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम जारी रखने का आग्रह किया है।
इस्तीफे से पहले हुई कैबिनेट बैठक में मंत्रीमंडल को भंग करने का प्रस्ताव पारित हुआ। बैठक समाप्त होते ही नीतीश कुमार राजभवन पहुँचे और सरकार आधिकारिक रूप से समाप्त हो गई।
14 नवंबर को आए बिहार चुनाव के नतीजों में बीजेपी নেতৃত্ব वाले एनडीए को भारी बहुमत मिला, जबकि महागठबंधन को उम्मीद से कहीं कम सीटें मिलीं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। सूत्रों का कहना है कि अधिक सीटें मिलने के बावजूद बीजेपी नेतृत्व नीतीश कुमार को ही फिर से मुख्यमंत्री बनाने पर सहमत है। माना जा रहा है कि 20 नवंबर को नीतीश कुमार 10वीं बार शपथ ले सकते हैं, साथ ही 31 मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जा सकती है।
शपथ ग्रहण समारोह पटना के गांधी मैदान में आयोजित होगा, जिसमें एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो सकते हैं। संभावना यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में उपस्थित हों।
वहीं, HAM सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के अनुसार नई सरकार में कुल 35–36 मंत्री होंगे—जिनमें 15–16 बीजेपी से, 13–14 जेडीयू से, LJP (R) से 3, और HAM व उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM से एक–एक मंत्री शामिल होने की संभावना है।
नीतीश कुमार के राजनीतिक सफर पर नज़र डालें तो उन्होंने पहली बार वर्ष 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2005 से 2014 तक वह बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री रहे, मगर 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया और जीतन राम मांझी सीएम बने। 2015 में नीतीश ने RJD और कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता संभाली, लेकिन 2017 में तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्होंने फिर इस्तीफा देकर एनडीए के साथ वापसी कर ली।
2020 में वह एनडीए के समर्थन से फिर मुख्यमंत्री बने, पर 2022 में राजद के साथ जाकर सरकार बनाई जो 2024 तक चली। जनवरी 2024 में उन्होंने फिर इस्तीफा देकर एनडीए के साथ वापसी की और 9वीं बार मुख्यमंत्री बने।
अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या नीतीश कुमार 10वीं बार शपथ लेंगे या बिहार को कोई नया चेहरा मुख्यमंत्री के रूप में मिलेगा।

