Adani Group: आंध्र प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा एआई हब बनाने के लिए अडानी ग्रुप ने गूगल के साथ पार्टनरशिप की है। इसके तहत अगले दस सालों में आंध्र प्रदेश में लगभग 1 ट्रिलियन रुपये का निवेश किया जाएगा.

Adani Group: अडानी ग्रुप अगले दस सालों में आंध्र प्रदेश में लगभग 1 ट्रिलियन रुपये का निवेश करने की तैयारी में है। इसके लिए अडानी इंटरप्राइजेज ने गूगल के साथ पार्टनरशिप की है, जो आने वाले दिनों में इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल सर्विसेज के ग्रोथ में मददगार साबित होगा.
वास्तव में, अडानी अपने संयुक्त उद्यम AdaniConneX के माध्यम से गूगल के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में भारत का सबसे बड़ा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा सेंटर हब बनाने जा रहा है। एआई-फोकस्ड इस डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में हाइपर सेल डेटा सेंटर क्षमता, एडवांस्ड कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी की उम्मीद है। टेलीकॉम सेक्टर की कंपनी भारतीय एयरटेल भी इस परियोजना के नेटवर्क बैकबोन को समर्थन करने के लिए इस साझेदारी का हिस्सा है।
इस सभी सेगमेंट्स में तेजी से होगा काम
इस परियोजना के माध्यम से कंपनियां आंध्र प्रदेश में नई ट्रांसमिशन लाइंस, क्लीन एनर्जी प्रोडक्शन और न्यू एनर्जी स्टोरेज सिस्टम में निवेश करेंगी, जिससे डेटा सेंटर को पावर प्रोवाइड किया जा सकेगा और बिजली ग्रिड भी मजबूत होगी.
विशाखापत्तनम में 30वें CII पार्टनरशिप समिट के दौरान अडानी पोर्ट्स और SEZ के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अडानी ने कहा, “हमने पहले से ही पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, सीमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी में लगभग 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। अब आने वाले दस सालों में हम पोर्ट, सीमेंट, डेटा सेंटर और एनर्जी व्यापार में 1 ट्रिलियन रुपये का निवेश करने की योजना बना रहे हैं।”
खुलेंगे विकास के रास्ते
आंध्र प्रदेश में इस निवेश से राज्य के आर्थिक विकास में सहायक साबित होगा, जिसमें हरे ऊर्जा, डेटा सेंटर, औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी सेवाएं शामिल हैं। आंध्र प्रदेश में अडानी ग्रुप की व्यापक उपस्थिति से पता चलता है कि कंपनी ने इस राज्य में लंबे समय तक के विकास की संभावनाओं पर भरोसा किया है, जिसके कारण एक औद्योगिक इकोसिस्टम को बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि एआई हब विशाखापत्तनम के टेक्नोलॉजी मंच को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही हजारों लोगों के लिए नौकरियों के अवसर उपलब्ध होंगे। इसके अतिरिक्त, वैश्विक टेक्नोलॉजी निवेश को आकर्षित करने में भी सहायता मिलेगी।

