
डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ रुपया, शुरुआती कारोबार में 7 पैसे की गिरावट दर्ज
भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर नजर आया। फॉरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक, इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 88.66 पर खुला, लेकिन जल्द ही 7 पैसे टूटकर 88.69 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
💱 क्यों गिर रहा है रुपया?
विश्लेषकों का कहना है कि घरेलू बाजारों में कमजोरी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती की वजह से निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है। हालांकि, यूएस-इंडिया ट्रेड डील को लेकर जारी बातचीत से बाजार में कुछ सकारात्मकता बनी हुई है, जिसने रुपये को निचले स्तर पर सीमित सपोर्ट दिया है।
इस साल रुपये में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, और यह कई बार डॉलर के मुकाबले अपने रिकॉर्ड निचले स्तर को भी छू चुका है।
📉 शेयर बाजार में भी कमजोरी का माहौल
घरेलू शेयर बाजारों में भी गुरुवार को सुस्ती देखने को मिली।
- बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 205.08 अंक गिरकर 84,261.43 पर आ गया।
- वहीं एनएसई निफ्टी-50 61.15 अंक टूटकर 25,814.65 पर कारोबार कर रहा था।
इसके साथ ही, ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में भी हल्की गिरावट रही और यह 0.13% घटकर 62.63 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई।
💰 एफआईआई की बिकवाली से दबाव बढ़ा
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली ने रुपये पर अतिरिक्त दबाव डाला है। बुधवार को एफआईआई ने ₹1,750.03 करोड़ के शेयर बेचे, जिससे घरेलू करेंसी पर कमजोरी का असर दिखा।
वहीं, डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति दर्शाता है, 0.02% बढ़कर 99.51 पर पहुंच गया। डॉलर की यह मजबूती न केवल रुपये बल्कि एशिया की अन्य करेंसीज़ पर भी दबाव बना रही है।
🔮 आगे क्या उम्मीद की जा सकती है?
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में रुपये की दिशा कई कारकों पर निर्भर करेगी —
- अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स का रुख
- क्रूड ऑयल प्राइस मूवमेंट
- एफआईआई का निवेश पैटर्न
अगर विदेशी पूंजी की निकासी जारी रही और डॉलर इंडेक्स मजबूत बना रहा, तो रुपया और कमजोर हो सकता है। हालांकि, ट्रेड डील और निर्यात से जुड़ी सकारात्मक खबरें रुपये को कुछ स्थिरता दे सकती हैं।

