
दिल्ली ब्लास्ट की साजिश:
डॉक्टर उमर मोहम्मद और मुज़मिल ने फरीदाबाद के किराए के मकानों में विस्फोटक जमा किए थे। 30 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मुज़मिल को गिरफ्तार किया, जिससे इस साजिश का पर्दाफाश हुआ। दिल्ली धमाके का मास्टरमाइंड पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर नबी है, जो पेशे से डॉक्टर था। डॉक्टर उमर मोहम्मद आतंकी डॉक्टरों का लीडर था। बताया जा रहा है कि 2021 में अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई के दौरान उसने आतंकवादी संगठन बनाने का फैसला किया। उमर ने डॉक्टर मुज़मिल और डॉक्टर आदिल को भी आतंक में शामिल किया।
अनंतनाग में हथियार छुपाना:
उमर ने अनंतनाग के एक अस्पताल के लॉकर में AK-47 रखा था। इसके बाद वह फरीदाबाद के गांव में वापस आया और वहां कमरे किराए पर लिए। फरीदाबाद के दौज और फतेहपुर टागा गांव में उसने और मुज़मिल ने विस्फोटक जमा किए। जिस कमरे में ये दोनों रहते थे, वहीं बम बनाने का सामान भी पाया गया। फतेहपुर टागा गांव में अमोनियम नाइट्रेट जमा कर इसे आतंकवाद का गोदाम बना रखा था।
फरीदाबाद साजिश का खुलासा:
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अक्टूबर में घाटी में आतंकी संगठन से जुड़े पोस्टर मामले की जांच शुरू की। इसी दौरान डॉ. मुज़मिल का नाम सामने आया। 30 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार करने के बाद फरीदाबाद में बम बनाने की साजिश का खुलासा हुआ और उसके चीफ डॉ. उमर मोहम्मद का नाम भी सामने आया।
परिवार की प्रतिक्रिया:
ABP न्यूज़ की टीम ने डॉ. उमर के घर जाकर उनसे बातचीत की। उमर की चाची तबस्सुम ने बताया कि उमर दो महीने पहले घर आया था और वह अनंतनाग में काम करता था। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में आई-20 कार धमाके में डॉक्टर उमर मारा गया है। अब डीएनए जांच से इसकी पुष्टि की जाएगी।
डॉ. मुज़मिल के परिवार ने कहा कि वह चार साल पहले घर छोड़ चुका था और उनके पास उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
पुलिस पूछताछ और जांच:
दिल्ली धमाके के बाद फरीदाबाद में पुलिस की कार्रवाई जारी है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पुलिस ने डॉ. मुज़मिल के साथियों, छात्रों, स्टाफ और प्रिंसिपल से पूछताछ की। छह लोगों को हिरासत में लेकर आतंक के मॉड्यूल पर जांच की जा रही है, जबकि मुज़मिल को जानने वाले करीब 52 लोगों से पूछताछ हुई है।

