
Marriage Astrology: हिंदू धर्म में विवाह को केवल दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का पवित्र मिलन माना जाता है। इसीलिए शादी से पहले वर-वधू की कुंडली का मिलान किया जाता है ताकि उनके वैवाहिक जीवन की अनुकूलता का पता लगाया जा सके। पौराणिक काल से चली आ रही इस परंपरा में 36 गुणों का मिलान किया जाता है, जिसे अष्टकूट मिलान कहा जाता है। इन गुणों के आधार पर यह देखा जाता है कि विवाह के बाद जीवन सुखमय और सामंजस्यपूर्ण रहेगा या नहीं।
अष्टकूट मिलान में गण मिलान एक अहम भूमिका निभाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गण तीन प्रकार के होते हैं — देव गण, मानव गण और राक्षस गण। कुंडली मिलान के दौरान वर-वधू के जन्म नक्षत्र के आधार पर उनका गण तय किया जाता है। देव गण के लोग शांत, दयालु और धार्मिक स्वभाव के होते हैं; मानव गण के जातक व्यवहारिक और सामाजिक माने जाते हैं; जबकि राक्षस गण के व्यक्ति साहसी और आत्मविश्वासी होते हैं।
गण मिलान से यह आकलन किया जाता है कि दोनों जातकों का स्वभाव और विचार आपस में कितने मेल खाते हैं। यदि गण मेल नहीं खाते, तो वैवाहिक जीवन में मतभेद और तनाव की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, देव और मानव गण का मेल सामान्य रूप से शुभ माना जाता है, जबकि देव और राक्षस गण का मेल संघर्षपूर्ण होता है। मानव और राक्षस गण के जोड़ों को भी रिश्ते में सावधानी और समझदारी से आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है।

