Signs of Heart Attack in Women:महिलाओं में दिखने वाले हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर अलग होते हैं। यहाँ आपको वह लक्षण बताए जाएंगे, जिन्हें आप अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन बाद में उन्हें जानलेवा साबित होने पर पछताते हैं।

Heart attack in women: महिलाओं में हार्ट अटैक हमेशा उसी तरह नहीं होता जैसा कि हम टीवी या विज्ञापनों में देखते हैं, जैसे कि सीने में तेज दर्द या अचानक गिर जाना. असल में, महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण बहुत हल्के और धीरे-धीरे आने वाले होते हैं, जैसे कि बहुत ज्यादा थकान, पेट में उलझन, सांस लेने में परेशानी या बेचैनी. इसलिए, इन छिपे हुए संकेतों को पहचानना और समय पर डॉक्टर के पास जाना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि उपचार समय पर शुरू किया जा सके. यहाँ तक कि इन संकेतों को मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज न किया जाए. चलिए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
महिलाओं में हार्ट अटैक के अनदेखे संकेत
जब हम हार्ट अटैक के बारे में बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में पहले सीने में तेज दर्द की तस्वीर आती है। लेकिन कई महिलाओं को ये लक्षण महसूस नहीं होते। उनके शरीर में दिल से जुड़ी समस्याओं के संकेत बहुत हल्के तरीके से दिखाई देते हैं। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दिमित्री यारानोव बताते हैं कि “महिलाओं में हार्ट अटैक अक्सर उस तरह से नहीं दिखता जैसा हम सोचते हैं। कई बार मरीज को जबड़े, पीठ या कंधे में दर्द होता है या सिर्फ थकान और सांस की दिक्कत होती है, लेकिन वे इसे दिल की बीमारी से नहीं जोड़ते।” उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर महिलाएं इसे तनाव या कमजोरी समझकर नजरअंदाज कर देती हैं, जबकि यही दिल के खतरे की पहली चेतावनी हो सकती है।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
इसके कुछ शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं, जिनमें हम बहुत से लोगों को इग्नोर कर देते हैं, जबकि हमें ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इन लक्षणों में थकान या कमजोरी की ज्यादा मात्रा शामिल है. आप बिना किसी भारी काम किए ही बहुत थक जाते हैं या आराम करने के बाद भी कमजोरी महसूस होती है, तो यह दिल संबंधित संकेत हो सकता है. दूसरा, सांस फूलना या चक्कर आना. अगर आपकी सांस फूलती है या अचानक चक्कर आते हैं बिना मेहनत किए, तो इसे सिर्फ कमजोरी या तनाव समझना गलत हो सकता है. ये दिल में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है. तीसरा लक्षण है जबड़े, गर्दन, पीठ, कंधे या हाथ में दर्द. अगर इन जगहों पर दर्द या भारीपन है लेकिन वजह समझ नहीं आ रही, तो यह भी दिल की परेशानी का संकेत हो सकता है.
पेट में भारीपन, जलन या उलझन का अहसास होना हार्ट अटैक के लक्षण हो सकता है। अगर पेट में जलन, उलझन, उल्टी या अपच का अहसास हो, तो यह गैस या एसिडिटी का लक्षण नहीं हो सकता। ऐसे लक्षण कई बार हार्ट अटैक के दौरान भी आ सकते हैं। पांचवां लक्षण है पसीना आना या बेचैनी की अनुभूति। अचानक ठंडा पसीना, चिपचिपी त्वचा या बिना वजह की घबराहट भी हार्ट अटैक के प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं। इसके अलावा, नींद में कठिनाई या बेचैन नींद भी है। यदि आप बार-बार रात में जागते हैं या पूरी नींद के बाद भी थकान महसूस होती है, तो यह शरीर का संकेत हो सकता है कि कुछ गलती है।
साइलेंट हार्ट अटैक क्या होता है?
कई बार महिलाओं को साइलेंट हार्ट अटैक होता है, जिसका मतलब है कि इस अटैक में कोई तेज या स्पष्ट लक्षण नहीं होते। लोग इसे थकावट, अपच या तनाव के रूप में समझते हैं और इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन बाद में जांच करने पर पता चलता है कि दिल को नुकसान पहुंच चुका है।
क्यों महिलाओं में लक्षण अलग होते हैं?
महिलाओं के शरीर और हार्मोन में बदलाव के कारण उनके लक्षण अलग दिखाई देते हैं। कई बार ब्लॉकेज न होते हुए भी दिल की छोटी नसें प्रभावित होती हैं, जिससे दर्द या भारीपन महसूस होता है। कुछ मामलों में स्पॉन्टेनियस कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन नाम की स्थिति भी कारण बनती है, खासकर लड़कियों या प्रसव के बाद की महिलाओं में। इसके अलावा, कई बार डॉक्टर भी महिलाओं के लक्षणों को तनाव या गैस समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इसे “Yentl Syndrome” कहा जाता है.

