
Indian Air Base in Tajikistan: भारत ने अयनी एयरबेस के जरिए मध्य एशिया में अपनी रणनीतिक उपस्थिति दर्ज कराई थी, लेकिन अब इसे खाली कर दिया गया है। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे से 10 किलोमीटर दूर स्थित इस बेस को भारत ने करीब 10 करोड़ डॉलर (लगभग 800 करोड़ रुपये) खर्च करके तैयार किया था। इसमें 3,200 मीटर की हवाई पट्टी, आधुनिक हैंगर, फ्यूलिंग सिस्टम और मरम्मत सेंटर शामिल थे। यह एयरबेस अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन और रूस जैसे भू-राजनीतिक खिलाड़ियों के बीच भारत की निगरानी और रणनीतिक ताकत का केंद्र था।
हालांकि, ताजिकिस्तान ने लीज बढ़ाने से इनकार कर दिया, जिसके पीछे रूस और चीन के दबाव को प्रमुख कारण माना जा रहा है। चीन नहीं चाहता था कि भारत मध्य एशिया में अपनी सैन्य मौजूदगी बनाए, जबकि रूस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहता था। इसके बाद भारत ने 2022 से धीरे-धीरे अपने जवान और उपकरण वापस बुलाने शुरू किए।
रणनीतिक रूप से अयनी एयरबेस पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण था और युद्ध की स्थिति में यह पाकिस्तान के लिए चुनौती पैदा कर सकता था। लेकिन अब इस बेस को बंद कर भारत ने फिलहाल पीछे हटकर नई रणनीतिक स्थिति का मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है। यह किसी पराजय से अधिक नीति में बदलाव का संकेत माना जा रहा है।

