
Russia का पोसाइडन न्यूक्लियर ड्रोन: महासागरीय गहराइयों में छिपा रूस का यह ‘डूम्सडे वेपन’ तटीय शहरों के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। अगर रूस के दावे सही हैं, तो एक रात में दुनिया के कई प्रमुख बंदरगाहों और तटीय इलाकों की सुरक्षा को पूरी तरह बदल सकता है। इसे रूस ने Status-6 और Kanyon के नाम से भी विकसित किया है। पोसाइडन एक परमाणु-शक्ति से संचालित ऑटोमेटिक पानी के नीचे का ड्रोन/टॉरपीडो है, जो सतह से छुपकर हजारों किलोमीटर तक खुद को आगे बढ़ा सकता है और भारी वारहेड ले जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी रेडियोएक्टिव सुनामी और कोबाल्ट-नमक वाले ‘डर्टी बम’ जैसी क्षमता तकनीकी रूप से जटिल है और अभी कुछ दावे केवल अनुमान पर आधारित हैं। हालांकि, खतरा वास्तविक है, लेकिन इसके पैमाने और प्रभाव पर बहस जारी है।
अगर पोसाइडन महाद्वीपीय दूरी तय कर सके, तो अमेरिका के पूर्व और पश्चिमी तट, यूरोप के तटीय क्षेत्र, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देश इसकी पहुंच में आ सकते हैं। कुल मिलाकर दुनिया के करीब 80% तटीय शहर इसकी दायरे में आते हैं। रूस वर्तमान में करीब 30 ऐसे उपकरण बनाने का लक्ष्य रखता है, लेकिन उनकी संख्या, तैनाती और वास्तविक क्षमता समय के साथ बदल सकती है।
इस हथियार को ट्रैक करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। तेज गति, गहरी डाइव और छोटे रिएक्टर आधारित पावर के कारण इसे पकड़ना कठिन है, हालांकि आधुनिक एन्टी-सबसरफेस तकनीकें, सैटेलाइट ट्रैकिंग और सोनार सिस्टम लगातार विकसित किए जा रहे हैं।

