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Thursday, October 30, 2025
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महागठबंधन ने खोला चुनावी पिटारा, OPS रिटर्न और महिलाओं के लिए ₹2500 योजना का ऐलान

महागठबंधन घोषणापत्र 2025 को ‘प्रण पत्र’ के नाम से जाना जाता है। इसमें पुरानी पेंशन योजना सहित कई वादे किए गए हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने एक घोषणापत्र जारी किया। तेजस्वी यादव ने कहा कि आज हम सभी के लिए एक विशेष दिन है। हमें सिर्फ सरकार नहीं बनानी है, बल्कि हमें बिहार को भी बनाना है। खुशी की बात है कि महागठबंधन के सभी सदस्यों ने बिहार के लिए एक संकल्प पत्र दिया है। अगर जरूरत पड़े तो हम अपने प्राणों की भी क़ुर्बानी देने को तैयार हैं।

महागठबंधन का “प्रण पत्र” जारी – हर परिवार को रोजगार, OPS बहाली और महिलाओं के लिए ₹2500 प्रतिमाह सहित कई बड़े वादे

इंडिया गठबंधन ने आज अपना विस्तृत प्रण पत्र जारी करते हुए ऐलान किया कि सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर प्रदेश के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए विशेष अधिनियम लाया जाएगा। साथ ही, 20 महीनों के भीतर युवाओं को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

सभी जीविका CM (Community Mobilisers) दीदियों को स्थायी किया जाएगा और उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा। उनका वेतन ₹30,000 प्रतिमाह तय किया जाएगा। इसके अलावा, उनके द्वारा लिए गए ऋण पर ब्याज माफ किया जाएगा और अगले दो वर्षों तक बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। जीविका कैडर की दीदियों को अन्य कार्यों के निष्पादन हेतु प्रति माह ₹2,000 का भत्ता मिलेगा, जबकि जीविका कैडर के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष को भी मानदेय दिया जाएगा।

संविदा एवं आउटसोर्सिंग कर्मियों को स्थायी करने का वादा करते हुए गठबंधन ने कहा कि आईटी पार्क, स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ), डेयरी, एग्रो-बेस्ड इंडस्ट्री, फूड प्रोसेसिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। 2000 एकड़ में एजुकेशनल सिटी और इंडस्ट्री क्लस्टर विकसित किए जाएंगे, साथ ही 5 नए एक्सप्रेसवे बनेंगे।

पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू करने का वादा दोहराते हुए गठबंधन ने महिलाओं के लिए माई-बहिन मान योजना की घोषणा की — जिसके तहत 1 दिसंबर से महिलाओं को प्रति माह ₹2,500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अगले पाँच वर्षों में यह सहायता कुल ₹30,000 वार्षिक रूप में दी जाएगी। साथ ही, BETI और MAI योजनाएं शुरू की जाएँगी — जिनसे बेटियों को शिक्षा, प्रशिक्षण और आय के अवसर तथा माताओं को मकान, अन्न और आय की गारंटी मिलेगी।

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत विधवाओं और वृद्धजनों को ₹1,500 प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी, जिसमें हर साल ₹200 की वृद्धि होगी। दिव्यांग जनों को ₹3,000 मासिक पेंशन दी जाएगी। हर परिवार को 200 यूनिट बिजली मुफ़्त मिलेगी।

माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा महिलाओं से वसूली में होने वाली प्रताड़ना रोकने के लिए विशेष नियामक कानून बनाया जाएगा, और सहारा इंडिया निवेशकों की जमा राशि लौटाने के लिए उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन शुल्क और परीक्षा शुल्क समाप्त किया जाएगा तथा परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए मुफ़्त यात्रा सुविधा दी जाएगी। पेपर लीक पर रोक और अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है। राज्य में स्थानीय युवाओं को नौकरी में प्राथमिकता देने हेतु डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी।

शिक्षा क्षेत्र में हर अनुमंडल में महिला कॉलेज, और जिन 136 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज नहीं हैं, वहाँ कॉलेज खोले जाएँगे। शिक्षकों और स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती गृह जिले से 70 किमी के दायरे में सुनिश्चित की जाएगी। वित्त-रहित महाविद्यालयों को वित्त सहित महाविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा और समान वेतन-भत्ता दिया जाएगा।

किसानों के लिए सभी फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी और मंडी प्रणाली को पुनर्जीवित किया जाएगा। APMC अधिनियम फिर से लागू होगा।

हर व्यक्ति को ₹25 लाख तक का मुफ़्त स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। सरकारी कर्मचारियों के लिए CGHS जैसी स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

मनरेगा में मजदूरी ₹255 से बढ़ाकर ₹300 की जाएगी और 100 दिनों का कार्य बढ़ाकर 200 दिन किया जाएगा। केंद्र सरकार पर ₹400 दैनिक मजदूरी लागू करने का दबाव डाला जाएगा।

सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम लाने और आरक्षण की सीमा 50% से बढ़ाने का प्रस्ताव है। अनुसूचित जाति को 16% से बढ़ाकर 20%, अनुसूचित जनजाति और अतिपिछड़ा वर्ग को क्रमशः आनुपातिक आरक्षण देने का आश्वासन दिया गया है।

कानून व्यवस्था पर Zero Tolerance Policy अपनाने की बात कही गई है। SP और SHO का कार्यकाल तय किया जाएगा और उन्हें उत्तरदायी ठहराया जाएगा। कमजोर वर्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।

अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। वक्फ संशोधन विधेयक पर रोक लगाई जाएगी और बौद्ध गया स्थित बौद्ध मंदिरों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपा जाएगा।

प्रवासी मजदूरों के लिए समर्पित विभाग बनाया जाएगा, जिसमें डिजिटल डेटाबेस तैयार होगा। दिल्ली, मुंबई, सूरत, बेंगलुरु, लुधियाना जैसे शहरों में बिहार मित्र केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय दोगुना किया जाएगा और 50 लाख का बीमा कवरेज मिलेगा। पूर्व प्रतिनिधियों को पेंशन दी जाएगी। PDS वितरकों को भी मानदेय मिलेगा।

नाई, कुम्हार, बढ़ई, लोहार, मोची, माली जैसी पारंपरिक जातियों के लोगों को स्वरोजगार के लिए ₹5 लाख की ब्याजमुक्त राशि दी जाएगी।

दिव्यांग विकास कार्यक्रम लागू होगा, जिसके तहत दिव्यांग विभाग का गठन और हर पंचायत में दिव्यांग मित्र की नियुक्ति की जाएगी। दिव्यांगों को व्यापार हेतु विशेष लोन और रोजगार के अवसर मिलेंगे।

घोषणापत्र जारी करते हुए तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी, पवन खेड़ा, अखिलेश प्रसाद सिंह सहित अन्य नेताओं ने कहा कि यह प्रण पत्र बिहार के हर नागरिक के जीवन को सम्मानजनक और सशक्त बनाने का वादा है।

पवन खेड़ा ने कहा, “महागठबंधन ने सबसे पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया और सबसे पहले घोषणापत्र जारी किया। बिहार के लिए अगर कोई ईमानदारी से सोच रहा है, तो वह महागठबंधन है।”

मुकेश सहनी ने जोड़ा, “हम बिहार की जनता के बीच रहकर सेवा करना चाहते हैं। हमारी सरकार बनते ही हम हर कमी को दूर करेंगे और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार को नया रूप देंगे।”

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