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Wednesday, October 29, 2025
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भारत पर 50% टैरिफ! ट्रंप की नीति पर फूटी अमेरिका की पूर्व मंत्री की नाराज़गी — बोलीं, “हमने गलती की”

मान्यता विभाग की पूर्व सचिव जीना रायमोंडो ने कहा, ‘मेरे लिए ट्रंप प्रशासन की सबसे बड़ी गलतियों में से एक थी उनके सभी सहयोगियों को नाराज करना।

अमेरिका की पूर्व वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीति की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका भारत और अपने अन्य वैश्विक सहयोगियों के साथ गलती कर रहा है। रायमोंडो ने कहा है कि ‘अमेरिका फर्स्ट’ ठीक है, लेकिन ‘अमेरिका अकेला’ जैसी नीति नुकसानदायक है। रायमोंडो हार्वर्ड केनेडी स्कूल के इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स में बोल रही थीं। उन्होंने चेतावनी दी है कि मौजूदा अमेरिकी रुख से देश अपने महत्वपूर्ण आर्थिक और रणनीतिक साझेदारों से दूरी बना रहा है। रायमोंडो ने कहा है, ‘मेरी नजर में ट्रंप प्रशासन की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है अपने सभी सहयोगियों को नाराज करना। यूरोप और जापान जैसे देशों के साथ अच्छे रिश्ते के बिना अमेरिका कमजोर बनता जा रहा है।’ उन्होंने जोर देकर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी कूटनीति के लिए मजबूत साझेदारी जरूरी है, न कि एकतरफा नीतियां।

भारत के साथ रिश्ते सुधारने की जरूरत

जरूरत पड़ी है कि हम भारत के साथ रिश्ते सुधारें। रेमंडो ने विशेष रूप से भारत को उदाहरण देते हुए कहा कि हम बड़ी गलती कर रहे हैं। हमें भारत और यूरोप जैसे देशों के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते बनाने की जरूरत है। यह टिप्पणी उन वक्त आई है जब भारत और अमेरिका अपने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को अंतिम रूप देने के करीब हैं। दोनों देशों के बीच अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन चुकी है और अब समझौते की कानूनी भाषा पर काम चल रहा है।

टैरिफ विवाद और कुछ मुद्दे अब भी बाकी।

हालांकि, 50% अमेरिकी टैरिफ को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। अमेरिका ने अगस्त में भारत पर ये टैरिफ लगाए थे, जिनमें से आधे रूस से ऊर्जा खरीदने की सजा के तौर पर हैं। इस कारण सितंबर में भारत के अमेरिकी निर्यात में 12% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि कुल निर्यात 6.74% बढ़ा। एक अधिकारी ने बताया कि ‘वार्ता सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। अधिकतर मुद्दों पर सहमति बन चुकी है और अब केवल कुछ तकनीकी मतभेद बाकी हैं।’ उन्होंने कहा कि गैर-शुल्क बाधाओं से जुड़े कुछ मसले अब भी हल होने बाकी हैं। भारत को उम्मीद है कि यूएस ट्रेड एक्सपैंशन एक्ट की धारा 232 के तहत लगाए गए शुल्कों – जैसे ऑटोमोबाइल, स्टील और एल्युमिनियम पर टैक्स को इस नए समझौते में सुलझा लिया जाएगा।

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