Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह पहले दिन से राज्य का दर्जा बहाल होने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन लगातार हो रही देरी से उनका भरोसा अब कम होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर गुजरते दिन के साथ स्टेटहुड को लेकर उम्मीदें धुंधली पड़ती जा रही हैं।

राज्यसभा चुनाव में एक सीट पर बीजेपी से हार के ठीक दो दिन बाद, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अब कहा है कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिलने की उम्मीदें हर गुजरते दिन के साथ कम होती जा रही हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा ऑफिस के अंदर मीडिया से बात करते हुए, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि वह पहले दिन से ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलने के मुद्दे पर उम्मीद कर रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे इसमें देरी हो रही है, उम्मीदें हर गुजरते दिन के साथ कम होती जा रही हैं.
मियां अलताफ के बयान पर दी प्रतिक्रिया
अब तक राज्य का दर्जा वापस न मिलने पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं पहले दिन से ही राज्य का दर्जा वापस मिलने की उम्मीद कर रहा हूं, लेकिन लगातार हो रही देरी से मेरा भरोसा कम हो रहा है.’
मियां अल्ताफ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने उनसे फोन पर बात की है। उन्होंने कहा, “मियां साहब मेरे पिता समान हैं। उन्होंने जो कहा, वह किसी आलोचना की तरह नहीं बल्कि एक मार्गदर्शन की तरह है। उन्होंने वही सलाह दी है, जैसी मेरे पिता मुझे देते।”
दरअसल, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के वरिष्ठ नेता और सांसद मियां अल्ताफ अहमद ने रविवार को सरकार की कार्यशैली पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार को अपनी परफॉर्मेंस में सुधार लाने और जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में देरी को लेकर भी सरकार की आलोचना की थी।
मियां अल्ताफ का कहना था कि अगर भर्ती प्रक्रिया समय पर पूरी होती, तो जम्मू-कश्मीर के हजारों योग्य और पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार का अवसर मिल सकता था।
आगा रुहुल्लाह पर क्या बोल गए सीएम अब्दुल्ला
जब सांसद आगा रुहुल्लाह के इसी तरह के बयान के बारे में पूछा गया, तो सीएम उमर ने कहा कि मियां अल्ताफ और आगा रुहुल्लाह में बहुत फर्क है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह ने रविवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने के पार्टी के वादे को नजरअंदाज करने और बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ नजदीकी बढ़ाने का आरोप लगाया था.
श्रीनगर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए रुहुल्लाह ने कहा था कि लोगों के अधिकारों को वापस दिलाने के लिए चुनाव से पहले की लड़ाई अब छोड़ दी गई है और रूटीन गवर्नेंस से कुछ फैसले टल सकते हैं, जो काम एक साल में हो सकते थे, उन पर ध्यान नहीं दिया गया है. उमर अब्दुल्ला ने उन सुझावों को खारिज कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में चार राज्यसभा सीटों के चुनाव के लिए उनकी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और बीजेपी के बीच कोई समझौता हुआ था.
क्रॉस वोटिंग पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला?
पिछले हफ्ते हुए चुनाव में NC ने तीन सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी एक सीट जीतने में कामयाब रही. इन आरोपों को खारिज करते हुए, ‘बीजेपी के साथ राज्यसभा चुनावों को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ था. समझें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर में एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बीजेपी का डटकर मुकाबला करती है. कोई और ऐसा नहीं कर रहा है.’
अब्दुल्ला ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी सरकार और केंद्र के बीच संबंध अच्छे रहें ताकि गवर्नेंस पर कोई असर न पड़े. हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि सरकारों के बीच संबंधों और NC और बीजेपी के बीच संबंधों में बहुत बड़ा अंतर है. उन्होंने कहा, ‘NC और बीजेपी के बीच कोई संबंध नहीं है, और भविष्य में भी नहीं बनेगा.’
सज्जाद गनी लोन के आरोप दी प्रतिक्रिया
हंदवाड़ा के MLA सज्जाद गनी लोन के इस आरोप पर कि राज्यसभा चुनाव एक ‘फिक्स्ड मैच’ था. अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि कोई व्यक्ति ऐसे चुनाव पर टिप्पणी क्यों करेगा, जिसमें वह खुद हिस्सा लेने को तैयार नहीं था.
उमर अब्दुल्ला ने सज्जाद गनी लोन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, ‘पहले वह बताएं कि बीजेपी की मदद करने की उनकी क्या मजबूरी थी. अगर वह मैच फिक्सिंग नहीं चाहते थे, तो उन्हें अपना वोट डालना चाहिए था, आपने तो वोटिंग शुरू होने से बहुत पहले ही नतीजा घोषित कर दिया था.’ क्या आप भी मैच फिक्सिंग का हिस्सा थे? फिर भी हमने मुकाबला किया.
उन्हें अल्लाह या भगवान को जवाब देना होगा- उमर अब्दुल्ला
उमर ने आगे कहा कि, मुश्किल तब शुरू हुई जब MLA हंदवाड़ा बाहर बैठ गए. उसके बाद बीजेपी को सिर्फ 29 वोटों की जरूरत थी, और उनके पास 28 थे. एक या दो वोट उनके लिए आसान होते, लेकिन मुझे नहीं लगा था कि उन्हें चार मिलेंगे. अब जिन चार लोगों ने अपना जमीर बेचा है, उन्हें अल्लाह या भगवान को जवाब देना होगा,’
NC नेता ने कहा कि वह चाहते हैं कि उन विधायकों के नाम सार्वजनिक हों जिन्होंने क्रॉस-वोटिंग की या जानबूझकर अपने वोट खराब किए. ‘चार वोट बीजेपी के पक्ष में गए, तीन ने जानबूझकर अपने वोट खराब किए. साफ है कि बीजेपी ने लोगों को लुभाने की कोशिश की. उन्हें किस आधार पर लुभाया गया, इसका जवाब सिर्फ बीजेपी ही दे सकती है,’ उन्होंने आगे कहा.

