बिहार चुनाव 2025: Axis My India के मुख्य ने बताया कि बिहार की जनसंख्या में अब जनरेशनल और डेमोग्राफिक बदलाव आ रहा है। ‘नई पीढ़ी नई सोच के साथ आ रही है और बदलाव चाहती है।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। Axis My India के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रदीप गुप्ता का कहना है कि भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जनता में एंटी-इंकम्बेंसी (विरोध की लहर) साफ दिख रही है, लेकिन इसका सीधा फायदा तेजस्वी यादव को नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिल सकता है। प्रदीप गुप्ता ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन को दो दशक हो चुके हैं और लोगों में बदलाव की चाह है। उन्होंने आगे कहा कि ’20 साल की सरकार के बाद नीतीश कुमार के खिलाफ नाराजगी तो है, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन सवाल यह है कि यह नाराजगी किसके खिलाफ है? क्योंकि नीतीश ने कभी बीजेपी के साथ तो कभी आरजेडी-कांग्रेस के साथ सरकार चलाई है। इसलिए यह एंटी-इंकम्बेंसी सामूहिक है, किसी एक दल के खिलाफ नहीं।
BJP के लिए नई राह का द्वार खोल सकती है
यह माना जा रहा है कि कई पारंपरिक BJP समर्थक अब बिहार में भी पार्टी को स्वयं सरकार बनाने के लिए तैयार महसूस कर रहे हैं, जैसे कि उन्होंने ओडिशा, असम, कर्नाटक और त्रिपुरा में किया है. उन्होंने बताया, ‘लोगों ने लालू और नीतीश – दोनों के शासन को देख लिया है. अब एक बड़ा वर्ग यह सोच रहा है कि क्यों न एक बार BJP को मौका दिया जाए.’
नई पीढ़ी में बदलाव की इच्छा है
जैसा कि Axis My India के प्रमुख ने बताया। वह कहते हैं कि बिहार की जनसंख्या में जनरेशनल और डेमोग्राफिक शिफ्ट दिख रहा है। ‘नई पीढ़ी नई सोच के साथ आ रही है और बदलाव की इच्छा रखती है। इसलिए, जो विरोध नीतीश कुमार के खिलाफ है, उससे तेजस्वी को फायदा हो सकता है या नहीं, लेकिन BJP को भी लाभ हो सकता है,’ उन्होंने कहा।
दो नए फैक्टर बदल सकते हैं खेल
गुप्ता ने बताया कि इस बार बिहार की राजनीति में दो नए फैक्टर उभरे हैं. प्रशांत किशोर की नई पार्टी का आगमन, और चुनाव आयोग की मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR). उन्होंने कहा, ‘ये दोनों फैक्टर बिल्कुल नए हैं, इसलिए पिछले चुनावी पैटर्न के आधार पर भविष्यवाणी करना मुश्किल है. हम ग्राउंड सर्वे जरूर करते हैं, लेकिन इस बार तस्वीर अलग है.’
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे बिहार चुनाव पर कोई शुरुआती अनुमान देना चाहेंगे, तो गुप्ता ने कहा, ‘अभी कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगी. इस बार के चुनाव में इतने नए बदलाव हैं कि पिछली बार के आंकड़ों से तुलना करना मुश्किल है. हम आखिरी वक्त तक इंतजार करेंगे.’

