भारतीय सेना में अब भैरव कमांडो की एंट्री हो चुकी है, जो अधिकांश सरप्राइज अटैक के लिए नियुक्त की जाएगी। पाकिस्तान सीमा से सटे थार रेगिस्तान में सेना ने पहली बार भैरव बटालियन को दुनिया के सामने पेश किया।

या तो सीमा पर घुसपैठियों को हराना हो या फिर सीमा पार आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करना, भारत के नए भैरव, हथियारों के साथ तैयार हैं। भारतीय सेना में भैरव कमांडो की नई बटालियन बनाई गई है, जो दुश्मन से लड़ने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार (24 अक्टूबर, 2025) को पाकिस्तान सीमा के आस-पड़ोस जैसलमेर में थलसेना की पहली भैरव बटालियन के कमांडो से मिलकर थार-शक्ति एक्सरसाइज के दौरान शुभकामनाएं दी। इन दिनों जैसलमेर में तीन दिवसीय (23-25 अक्टूबर) आर्मी कमांडर्स कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया है। खुद राजनाथ सिंह, सेना के इस सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं.
चीन-पाकिस्तान सीमा पर तैनात होंगे भैरव बटालियन
इस समय पाकिस्तान की सीमा से सटे थार रेगिस्तान में सेना ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया और पहली बार भैरव बटालियन को दुनिया के सामने पेश किया। जानकारी के अनुसार, इस महीने के अंत तक पांच ऐसी भैरव बटालियन तैयार हो जाएंगी। इन बटालियन को चीन और पाकिस्तान की सीमा, जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व राज्यों में तैनात किया गया है।
भैरव बटालियन का काम इन्फेंट्री बटालियन और स्पेशल फोर्सेज (पैरा-एसएफ) के बीच की कड़ी करना होगा। इस साल कारगिल विजय दिवस के मौके पर थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना को अधिक घातक बनाने के उद्देश्य से भैरव बटालियन की स्थापना की थी।
एक बटालियन में लगभग 250 कमांडो होते हैं।
सेना में कुल 25 ऐसी बटालियन बनाने का लक्ष्य है. हर बटालियन में करीब 250 कमांडो होंगे. इन कमांडो को विशेष ट्रेनिंग के साथ ही आधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद, थलसेना की इन्फेंट्री बटालियन को मजबूती प्रदान करने के लिए भैरव बटालियन का गठन किया गया है.
इन भैरव बटालियन बनने के बाद, पैरा-एसएफ कमांडो को स्पेशल मिशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. फिलहाल, जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तर-पूर्व में आतंकियों से लोहा लेने के साथ ही बिहाइंड द एनिमी लाइन्स मिशन के लिए पैरा-एसएफ का इस्तेमाल किया जाता है. ये पैरा-एसएफ कमांडो आसमान से पैरा-जंप लगाने के साथ ही हैवी हथियारों से लैस होते हैं.
सरप्राइज अटैक के लिए तैनात भैरव बटालियन
भैरव कमांडो को लीन एंड थिन बनाया गया है यानी स्मॉल आर्म्स के साथ जमीन पर ही लड़ने के लिए तैयार किया गया है. भैरव बटालियन को दुश्मन पर सरप्राइज अटैक करने के साथ ही संवेदनशील बॉर्डर पर पेट्रोलिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा. भारतीय सेना में फिलहाल 350 इन्फेंट्री बटालियन हैं.
हर बटालियन में पहले से एक घातक प्लाटून होती है, जिसमें 15-20 कमांडो होते हैं, लेकिन भैरव बटालियन इन घातक कमांडो से ज्यादा घातक होने जा रहे हैं. खास बात ये है कि भैरव बटालियन के कमांडो, इन्फेंट्री के साथ-साथ सेना के तोपखाने, सिग्नल और एयर डिफेंस जैसी यूनिट से भी शामिल हो सकते हैं.

