
Ola Employee Suicide Case: CEO भाविश अग्रवाल को कर्नाटक हाई कोर्ट से राहत, पुलिस को दिए निर्देश
ओला इलेक्ट्रिक के एक वरिष्ठ इंजीनियर के आत्महत्या मामले में कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल और सीनियर एग्जीक्यूटिव सुब्रत कुमार दास के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। मृतक इंजीनियर की पहचान के. अरविंद के रूप में हुई है, जो 2022 से ओला इलेक्ट्रिक में होमोलोगेशन इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे।
इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल को अंतरिम राहत देते हुए पुलिस को निर्देश दिया है कि जांच के नाम पर उन्हें या अन्य याचिकाकर्ताओं को परेशान न किया जाए। जस्टिस मोहम्मद नवाज ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस निष्पक्ष जांच करे, लेकिन जांच की आड़ में किसी भी तरह की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न की जाए।
परिवार ने लगाए गंभीर आरोप
अरविंद के बड़े भाई के. अश्विन द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, अरविंद को लगातार कार्यस्थल पर अपमानित किया गया, उस पर अत्यधिक दबाव डाला गया और समय पर वेतन भी नहीं दिया गया। इन्हीं कारणों से मानसिक रूप से परेशान होकर अरविंद ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। एफआईआर में लगाए गए आरोपों को ओला इलेक्ट्रिक ने अदालत में चुनौती दी है और फिलहाल यह मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में लंबित है।
ओला इलेक्ट्रिक ने दी सफाई
कंपनी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अरविंद ने अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान कभी भी किसी तरह की उत्पीड़न की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। साथ ही, कंपनी का कहना है कि अरविंद की भूमिका ऐसी थी जिसमें उनका टॉप मैनेजमेंट से कोई सीधा संपर्क नहीं था।
सुसाइड नोट में गंभीर आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 28 सितंबर 2025 को अरविंद ने बेंगलुरु के चिक्कलसांद्रा इलाके में अपने अपार्टमेंट में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। उन्हें तुरंत महाराजा अग्रसेन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अरविंद एक सुसाइड नोट छोड़ गए, जिसमें उन्होंने अपने आत्मघाती कदम के पीछे कंपनी और कुछ सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराया है।

