
शम्मी कपूर की अनसुनी प्रेम कहानी: नूतन से लेकर गीता बाली तक
कपूर खानदान के चहेते शम्मी कपूर न सिर्फ अपने ज़माने के सुपरस्टार थे, बल्कि उनकी लव लाइफ भी कम फिल्मी नहीं रही। 1950 से 1970 के दशक तक उन्होंने जिस तरह सिल्वर स्क्रीन पर अपनी एनर्जी और जोश से दर्शकों का दिल जीता, उसी तरह उनकी रोमांटिक ज़िंदगी भी हमेशा चर्चा में रही।
शम्मी कपूर की पहली मोहब्बत उनकी बचपन की दोस्त और पड़ोसी नूतन थीं। दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब थे, और समय के साथ उनका रिश्ता इतना गहरा हो गया कि उन्होंने शादी तक का फैसला ले लिया। मगर, नूतन की मां शोभना सामर्थ को ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था। उनके करीबी एक्टर मोतीलाल ने इस शादी का विरोध किया, और नतीजतन नूतन को पढ़ाई के लिए स्विट्ज़रलैंड भेज दिया गया। इस तरह शम्मी और नूतन की मासूम मोहब्बत अधूरी रह गई।
इसके बाद 1953 में शम्मी एक टूर पर श्रीलंका गए, जहां एक होटल में उन्होंने कैबरे डांसर नादिया गमाल को देखा और पहली ही नजर में दिल दे बैठे। उन्होंने नादिया को शादी का प्रस्ताव भी दे दिया, लेकिन नादिया ने जवाब दिया कि उन्हें पांच साल इंतज़ार करना होगा। कुछ समय तक दोनों संपर्क में रहे, लेकिन फिर दूरी और व्यस्तता के चलते उनका रिश्ता भी टूट गया।
शम्मी कपूर की किस्मत ने करवट ली 1955 में, जब फिल्म ‘रंगीन रातें’ की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात गीता बाली से हुई। पहाड़ों में शूटिंग के दौरान शुरू हुई मुलाकातें जल्द ही गहरे प्यार में बदल गईं। मुंबई लौटकर दोनों ने अपने रिश्ते को लेकर हिचकिचाहट दिखाई, लेकिन दिल का रिश्ता अब अटूट हो चुका था। आखिरकार, दोनों ने परिवार की इजाज़त के बिना ही गुपचुप तरीके से शादी कर ली — और यही रिश्ता शम्मी कपूर की ज़िंदगी का सबसे बड़ा सहारा बना।

शम्मी-गीता की अचानक हुई शादी, सिर्फ एक गवाह बना इतिहास
23 अगस्त 1955 को, गीता बाली ने अचानक शम्मी कपूर के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। बिना किसी लंबी योजना के, अगले ही दिन यानी 24 अगस्त को दोनों ने मुंबई के बांगंगा मंदिर में सात फेरे ले लिए। इस सादगी भरी लेकिन यादगार शादी के एकमात्र गवाह थे मंदिर के पुजारी हरि वालिया।
शम्मी कपूर ने एक इंटरव्यू में उस पल को याद करते हुए कहा था, “गीता ने अपने पर्स से लिपस्टिक निकाली और मुझसे कहा कि इसे उनके मस्तक पर लगाऊं।” यही सिंदूर बना उनकी शादी की पहली रस्म।
शादी के बाद इस खूबसूरत जोड़ी के दो बच्चे हुए — बेटा आदित्य राज कपूर, जिनका जन्म 1956 में हुआ, और बेटी कंचन कपूर, जो 1961 में इस दुनिया में आईं। शम्मी और गीता की यह प्रेम कहानी बॉलीवुड की सबसे प्यारी और दिल छू लेने वाली कहानियों में गिनी जाती है।

