
बिहार चुनाव 2025:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने हाल ही में सीटों का बंटवारा कर लिया है। इस फार्मूले के तहत भाजपा और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को 101-101 सीटें मिली हैं, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) व राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 6-6 सीटें दी गई हैं।
हालांकि, अब विवाद इस बात को लेकर गहरा गया है कि कौन-सा नेता किस सीट से चुनाव लड़ेगा। सूत्रों का कहना है कि कुछ ऐसी सीटें, जो जदयू की मानी जा रही थीं, वे लोजपा (रामविलास) के खाते में चली गईं हैं। इससे जदयू के भीतर असंतोष है और पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में समाधान की तलाश में जुटी है। बताया जा रहा है कि पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर जदयू की बैठक में यही मुद्दा चर्चा में है।
भाजपा और जदयू के बीच सीटें बराबर-बराबर बांटी गई हैं, लेकिन जदयू चाहती थी कि उसे ज्यादा सीटें मिलें और वह ‘बड़े भाई’ की भूमिका निभाए। इसी बात को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरें भी आ रही हैं।
दूसरी ओर, भाजपा ने भी मंगलवार, 14 अक्टूबर को पटना में MLC फ्लैट पर बैठक की। इसमें चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में सीटों पर जारी विवाद को सुलझाने की कोशिश हुई।
NDA में तनाव बरकरार?
सूत्रों के मुताबिक, लोजपा (रामविलास) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान किसी भी कीमत पर 29 से कम सीटों पर लड़ने को तैयार नहीं हैं। उनका रुख स्पष्ट है कि न तो वो अपने हिस्से की कोई सीट छोड़ेंगे और न ही अपने कोटे की सीट किसी और सहयोगी दल को देंगे।
हालांकि, अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स में चिराग पासवान यह दावा कर रहे हैं कि बातचीत पूरी हो चुकी है। फिर भी NDA के भीतर बैठकों का दौर जारी है और तनाव की स्थिति बनी हुई है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इन सब अटकलों के बीच कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरा एनडीए एकजुट है। उन्होंने बताया कि बातचीत जारी है और जल्द ही स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी।