
अनिल अंबानी की बढ़ती मुश्किलें: CBI की चार्जशीट में बड़ा खुलासा
दिग्गज उद्योगपति अनिल अंबानी एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक और चौंकानेवाला खुलासा करते हुए अंबानी और यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के बीच वित्तीय लेनदेन के एक जटिल सिस्टम का पर्दाफाश किया है। CBI द्वारा दाखिल चार्जशीट में बताया गया है कि अंबानी के रिलायंस एडीए ग्रुप और कपूर परिवार की कंपनियों के बीच आपसी वित्तीय मदद के लिए एक सुसंगठित व्यवस्था तैयार की गई थी।
कंपनियों के बीच बार-बार हुआ लेनदेन
चार्जशीट के अनुसार, यस बैंक ने 2017 में रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) के डिबेंचर्स और कमर्शियल पेपर्स में 2,045 करोड़ रुपये तथा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) में 2,965 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह मंजूरी खुद राणा कपूर ने दी थी, जबकि उस समय CARE Ratings ने एडीए ग्रुप को उसकी कमजोर वित्तीय स्थिति के चलते निगरानी सूची में डाला हुआ था।
जांच में यह भी सामने आया कि इस फंड को विभिन्न स्तरों पर डायवर्ट किया गया, जिससे सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हुआ। यस बैंक, एडीए ग्रुप और रिलायंस निप्पॉन एसेट मैनेजमेंट के बीच कई बार लेनदेन हुआ। यस बैंक ने जहां ADA ग्रुप को फंडिंग दी, वहीं दूसरी ओर उसने रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड (RNMF) में भारी निवेश किया, जो उस समय जापानी कंपनी निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस के साथ मिलकर रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी थी।
RNMF के जरिए निवेश का जाल
CBI की रिपोर्ट के अनुसार, RNMF ने 2017-18 में राणा कपूर की फैमिली कंपनी मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के डिबेंचर में 1,160 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके अलावा ADA ग्रुप के डिबेंचर में 249.80 करोड़ और यस बैंक के AT1 बॉन्ड्स में 1,750 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। ये AT1 बॉन्ड्स वे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जिन्हें संकट के समय इक्विटी में बदला जा सकता है या पूरी तरह से राइट-ऑफ किया जा सकता है।
अनिल अंबानी और राणा कपूर का गठजोड़
जांच में यह सामने आया कि राणा कपूर और अनिल अंबानी ने मिलकर एक ऐसी वित्तीय व्यवस्था तैयार की, जिससे दोनों पक्षों को फायदा पहुंचाया जा सके। यस बैंक से मिले फंड को एडीए ग्रुप की आर्थिक रूप से कमजोर कंपनियों तक पहुंचाया गया। बदले में एडीए ग्रुप ने राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर और बेटियों राधा व रोशनी कपूर की कंपनियों को रियायती दरों पर लोन और निवेश की सुविधा मुहैया कराई।
जय अनमोल अंबानी की भूमिका भी जांच के घेरे में
CBI की चार्जशीट में अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी का भी जिक्र है। आरोप है कि उन्होंने RNMF में निवेश संबंधी फैसलों को प्रभावित किया, जबकि उस समय यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग की तैयारी कर रही थी। RNMF के पास आम निवेशकों से प्राप्त फंड था, जिसे दीर्घकालिक डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाया गया। हालांकि, SEBI के नियम म्यूचुअल फंड को ऐसे जोखिम भरे निवेश से रोकते हैं।