
World Para Athletics Championships 2025: JLN स्टेडियम में आवारा कुत्तों का हमला, विदेशी कोच घायल
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में चल रही वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के दौरान शुक्रवार, 3 अक्टूबर को एक गंभीर सुरक्षा चूक सामने आई। आयोजन के बीच स्टेडियम परिसर में घुसे दो आवारा कुत्तों ने जापान और केन्या के कोचों पर हमला कर दिया। अचानक हुई इस घटना से पूरे स्टेडियम में अफरा-तफरी मच गई। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उन्हें एंटी-रेबीज इंजेक्शन सहित प्राथमिक उपचार दिया गया।
कैसे हुआ हादसा?
घटना सुबह करीब 9 बजे की है, जब खिलाड़ी और कोच प्रैक्टिस सत्र की तैयारी में जुटे थे। उसी समय दो आवारा कुत्ते परिसर में दाखिल हो गए। केन्या के कोच डेनिस माराजिया कॉल रूम के पास अपने खिलाड़ी से बातचीत कर रहे थे, तभी एक कुत्ते ने अचानक उनके पैर पर काट लिया। खून निकलता देख पास मौजूद स्टाफ ने तुरंत उन्हें बाहर निकाला।
इसके कुछ ही समय बाद जापान की महिला कोच मेइको ओकुमत्सु भी इसी तरह की घटना का शिकार हो गईं। वह प्रैक्टिस ट्रैक पर खिलाड़ियों की निगरानी कर रही थीं, जब एक और कुत्ता उनके पास आया और हमला कर दिया। दोनों घटनाएं आधे घंटे के भीतर हुईं, जिससे अंतरराष्ट्रीय दलों में भय और नाराजगी फैल गई।
आयोजन समिति की प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद आयोजन समिति ने सफाई देते हुए बताया कि दोनों कोचों को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें होटल वापस भेज दिया गया। समिति ने कहा कि सुरक्षा में हुई चूक की पूरी समीक्षा की जा रही है, और अब स्टेडियम में स्थायी रूप से कुत्ता पकड़ने वाली दो टीमें तैनात की गई हैं।
संगठन के अनुसार, इस समस्या को लेकर 21 अगस्त 2025 को ही दिल्ली नगर निगम (MCD) को पत्र भेजा गया था, जिसमें स्टेडियम परिसर से कुत्तों को हटाने की मांग की गई थी। उस समय कार्रवाई हुई भी थी, लेकिन खाना खोजते हुए कुत्ते दोबारा परिसर में घुस आए। अब पूरे क्षेत्र को दोबारा सैनिटाइज किया गया है और सुरक्षा को सख्त कर दिया गया है।
दिल्ली में आवारा कुत्तों की पुरानी समस्या
राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों की समस्या कोई नई नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट को भी इस विषय पर सख्त टिप्पणी करनी पड़ी है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय आयोजन के दौरान ऐसी चूकें न केवल खिलाड़ियों की सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं, बल्कि भारत की वैश्विक छवि को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।