ऋण दर पर आरबीआई का फैसला: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली छह-सदस्यीय एमपीसी की बैठक का निर्णय बुधवार को घोषित किया जाएगा।

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा नीतिगत ब्याज दरों पर निर्णय लेने की महत्वपूर्ण दो माही रिव्यू बैठक शुरू हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार नीतिगत दरों को स्थिर रखा जा सकता है, हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने 0.25% की कटौती की संभावना जताई है।
हाई टैरिफ के बीच एमपीसी की बैठक
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली छह-सदस्यीय MPC की बैठक का फैसला बुधवार को घोषित किया जाएगा। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक तनाव और अमेरिका की ओर से भारतीय निर्यात पर 50% हाई टैरिफ लगाए जाने से भारी दबाव बना हुआ है। RBI ने इस साल फरवरी से अब तक तीन चरणों में रेपो दर में कुल 1 प्रतिशत अंक की कटौती कर चुका है। हालांकि अगस्त की समीक्षा में दरों को स्थिर रखते हुए रेपो दर 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखा गया था। गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि रेपो दर और नीतिगत रुख फिलहाल यथावत रह सकते हैं। वहीं, यह रिपोर्ट कहती है कि दिसंबर में होने वाली अगली बैठक में 0.25% की और कटौती की संभावना बन सकती है। दूसरी तरफ, बजाज ब्रोकिंग का कहना है कि बाजार इस बार किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहा।
रियल एस्टेट सेक्टर में एक मान्यता है कि खुदरा मुद्रास्फीति के संकट और जीएसटी स्लैब में परिवर्तन से ब्याज दर में कमी के आसार हैं, जिससे करों पर बोझ कम हो सकता है। हाउसिंग डॉट कॉम के सीईओ प्रवीण शर्मा ने उद्घाटन सेज बोला कि त्योहारी सीजन घर खरीदने का सर्वोत्तम समय है और यदि ब्याज दर में कटौती होती है तो बिक्री में वृद्धि हो सकती है। क्रिसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने भी इस पर हस्ताक्षर किया कि दर में कटौती से आवासीय मांग तेज हो सकती है। हालांकि, बीएलएस ई-सर्विसेज के चेयरमैन शिखर अग्रवाल के अनुसार, मजबूत घरेलू मांग और हाल की जीएसटी सुधारों की दृष्टि से, आरबीआई वर्तमान में प्रतीक्षा करने के लिए अपना निर्धारण कर सकता है।