
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां सबसे सस्ती एचआईवी (HIV/AIDS) दवाएं उपलब्ध होती हैं, और अब उसने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए एचआईवी के इलाज के लिए एक अत्यंत किफायती दवा विकसित की है। जो दवा अमेरिका जैसे देशों में लगभग 35 लाख रुपये की है, वह भारत में केवल 3,300 रुपये में उपलब्ध होगी। यह दवा अमेरिका, कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में इस्तेमाल हो रही महंगी ब्रांडेड दवा का जेनेरिक संस्करण है, जिसे भारत ने बड़े पैमाने पर सस्ता बनाया है। इससे गरीब और विकासशील देशों के मरीजों को खासा फायदा होगा, जहां महंगी दवाएं खरीदना कठिन था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह दवा 2027 तक व्यापक रूप से उपलब्ध होगी, जिससे करोड़ों लोगों को जीवन मिलेगा और वैश्विक स्तर पर एड्स से लड़ाई को मजबूती मिलेगी। भारत में लगभग 25.4 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हैं और सरकार इसके इलाज और रोकथाम के लिए मुफ्त जांच, परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराती है। भारत की इस पहल से न केवल देश के मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि यह गरीब देशों में स्वास्थ्य सेवाओं को भी बेहतर बनाएगी और वैश्विक स्तर पर भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में एक मजबूत नेतृत्व प्रदान करेगी।