सीबीएसई ने 2026 कक्षा 10 और 12 बोर्ड परीक्षाओं की टेंटेटिव डेटशीट जारी की है, जो 17 फरवरी से 15 जुलाई तक आयोजित होंगी। छात्रों के लिए सही तैयारी और समय प्रबंधन सबसे जरूरी है।

बोर्ड परीक्षाओं का नाम सुनते ही कई छात्रों के चेहरे पर हल्की चिंता और घबराहट दिखती है. लेकिन सही योजना और तैयारी के साथ ये डर दूर किया जा सकता है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की टेंटिव डेटशीट जारी कर दी है. इस बार परीक्षाएं 17 फरवरी 2026 से शुरू होंगी और 15 जुलाई 2026 तक अलग-अलग चरणों में पूरी होंगी. छात्रों के लिए ये सही समय है कि वे अभी से अपनी तैयारी की रणनीति तय करें. परीक्षा की तैयारी सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि सही योजना और टाइम मैनेजमेंट का नाम है.
सबसे पहले छात्रों को अपने पूरे सिलेबस को ध्यान से समझना होगा. यह जानना जरूरी है कि कौन सा विषय कब आएगा और कौन से चैप्टर ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. जिन विषयों की परीक्षा जल्दी हो रही है, उन पर पहले फोकस करें. गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषयों में मजबूत पकड़ बनाना जरूरी है.
हर दिन पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाएं और उसमें रिवीजन का समय भी शामिल करें. नोट्स और फ्लैश कार्ड तैयार करना बहुत मददगार होता है. इससे आखिरी समय में भी आप जल्दी से जल्दी सब कुछ दोहरा सकते हैं. पुराने साल के क्वेश्चन पेपर सॉल्व करना न भूलें. इससे परीक्षा पैटर्न समझने में मदद मिलती है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है.
5 बड़े और अहम सुझाव
- मेन सब्जेक्ट्स पर जरूर ध्यान दें – गणित, विज्ञान और अंग्रेजी पर पकड़ मजबूत करें.
 - समय का सही प्रबंधन करें – परीक्षा में पहले आसान सवाल हल करें, फिर मुश्किल वाले.
 - कम महत्वपूर्ण चैप्टर पर ज्यादा समय न लगाएं – प्राथमिकता हमेशा महत्वपूर्ण विषयों को दें.
 - आराम और स्वास्थ्य पर ध्यान दें – पर्याप्त नींद, संतुलित आहार और छोटे ब्रेक पढ़ाई में मदद करेंगे.
 - साथी और ग्रुप स्टडी – कभी-कभी किसी दोस्त के साथ पढ़ाई करने से कठिन टॉपिक भी जल्दी समझ में आ जाता है.
 
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के अनुसार, 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च तक और दूसरा चरण 15 मई से 1 जून तक होगा। 12वीं की मुख्य परीक्षा 17 फरवरी से 9 अप्रैल तक चलेगी। इस बार गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषय पहले या बीच में परीक्षा में आएंगे। इस बार करीब 45 लाख छात्र परीक्षा में भाग लेंगे। भारत के 204 विषयों में और 26 विदेशों में छात्र परीक्षा देंगे। इस बार प्रैक्टिकल, मूल्यांकन और परिणाम की प्रक्रियाएं भी समय पर सम्पन्न की जाएंगी।

