
सुन्नत भोजन: इस्लाम में पैगंबर (स) द्वारा बताए गए पौष्टिक और सरल आहार
इस्लाम धर्म में पैगंबर मुहम्मद (स) ने ऐसे भोजन की अहमियत बताई है जो न केवल साधारण हो बल्कि पोषण से भरपूर भी हो। ये सुन्नत भोजन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि आत्मिक शांति और संतुलित जीवनशैली को भी बढ़ावा देते हैं। आइए जानें इस्लाम धर्म में किन खाद्य पदार्थों को सुन्नत माना गया है और क्यों।
इस्लाम में सुन्नत भोजन

हदीस में बताया गया है कि अब्दुल्लाह बिन मसूद ने पैगंबर मुहम्मद (स) से कहा कि मेमने का कंधा, जिसमें हड्डी होती है, उनका सबसे पसंदीदा मांसाहारी हिस्सा था। यह हदीस इस बात का संकेत देती है कि पैगंबर (स) साधारण भोजन के साथ-साथ स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर आहार को भी महत्व देते थे।

अनस बिन मलिक ने एक बार पैगंबर मुहम्मद (स) को एक भोजन समारोह में लौकी का टुकड़ा खोजते हुए देखा था। इस घटना का उल्लेख हदीस की किताब अश-शमा इल अल मुहम्मदियाह में मिलता है। यह दर्शाता है कि पैगंबर (स) को साधारण और हल्का भोजन पसंद था, जो उनकी जीवनशैली की सादगी और संतुलन को दर्शाता है।

हदीस सुनन अल-तिर्मिजी में पैगंबर मुहम्मद (स) ने कहा है कि खाने में जैतून के तेल का इस्तेमाल करो, क्योंकि यह एक धन्य पेड़ का उत्पाद है। पैगंबर (स) ने न केवल जैतून के तेल का सेवन करने की सलाह दी, बल्कि इसके फल को भी उपयोग में लाने की हिदायत दी है, जो स्वास्थ्य और पोषण के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।

हदीस सहीह मुस्लिम में उल्लेख है कि पैगंबर मुहम्मद (स) ने कहा है कि सिरका एक अच्छा मसाला है, जो खाने का स्वाद बढ़ाता है। सिरका सुन्नत भोजन का हिस्सा इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है और सेहत के लिए लाभकारी होता है।

हदीस सिलसिला अल-अहदीथ अस-सहिहा में दर्ज है कि पैगंबर मुहम्मद (स) ने कहा है कि गाय का दूध पियो क्योंकि यह किसी दवा से कम नहीं। साथ ही उन्होंने बताया कि गाय का घी भी रोगों को ठीक करने में कारगर होता है। इस प्रकार, पैगंबर साहब ने गाय के दूध और घी को स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण औषधि माना।

सुनन अल-तिर्मिज़ी में हदीस के अनुसार, पैगंबर मुहम्मद (स) ने रोजा खोलने के लिए खजूर का सेवन करने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि इफ्तार हमेशा खजूर से करना चाहिए क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा और पोषण तुरंत प्रदान करता है। इस परंपरा को आज भी मुसलमान बड़े श्रद्धा और आदर के साथ निभाते हैं।

हदीस सहीह मुस्लिम नंबर 2034 में दर्ज है कि अब्दुल्लाह बिन जाफर ने बताया, उन्होंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को खीरे के साथ ताजे खजूर खाते देखा। यह हमें यह सिखाता है कि भोजन हल्का और ताजा होना चाहिए, जो सेहत और ऊर्जा के लिए लाभकारी होता है।

हदीस सहीह अल-बुखारी में दर्ज है कि आयशा (रजि.) ने बताया कि पैगंबर मुहम्मद (स) को मीठी चीजें, खासकर शहद, बहुत पसंद थे। शहद एक प्राकृतिक और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है, जो सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।