PM मोदी की सैलरी: प्रधानमंत्री मोदी आज अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस विशेष अवसर पर सबसे पहले यह जान लेते हैं कि उनको कितनी सैलरी मिलती है और उनका मूल्यांकन कितना है। उनका मूल्यांकन ज़रा जानें।

पीएम मोदी की सैलरी: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 75 साल के हो गए हैं। बुधवार 17 सितंबर 2025 को पूरे देश में उनके जन्मदिन को लेकर उत्साह का माहौल है। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जहां लोग उनके नेतृत्व, उपलब्धियों और भारत के विकास में उनके योगदान को याद कर रहे हैं। इस खास दिन पर एक सवाल फिर चर्चा में है कि देश के प्रधान सेवक माने जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आखिर कितनी सैलरी मिलती है? चलिए उनकी कुल आय जानते हैं।
प्रधानमंत्री की सैलरी कितनी है?
अक्सर यह धारणा रहती है कि भारत के प्रधानमंत्री को बहुत अधिक वेतन मिलता होगा, लेकिन वास्तविकता इससे काफी अलग है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेतन ढांचा निम्नानुसार है:
- मूल वेतन: ₹50,000 प्रति माह
- आबकारी भत्ता: ₹3,000 प्रति माह
- दैनिक भत्ता: ₹62,000 प्रति माह
- निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: ₹45,000 प्रति माह
इन सभी मदों को मिलाकर प्रधानमंत्री की मासिक सैलरी लगभग ₹1,66,000 बनती है। इस तरह, उनकी सालाना आय करीब ₹19.92 लाख होती है।
सुविधाएं जो वेतन से हैं अलग
प्रधानमंत्री को केवल वेतन ही नहीं मिलता, बल्कि उनके पद की गरिमा और जिम्मेदारियों के अनुरूप कई महत्वपूर्ण सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- आधिकारिक आवास: नई दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित 7, लोक कल्याण मार्ग पर आवास
- सुरक्षा व्यवस्था: विशेष सुरक्षा समूह (SPG) द्वारा 24×7 अत्याधुनिक सुरक्षा
- यात्रा सुविधा: आधिकारिक दौरों के लिए एयर इंडिया वन जैसी उच्च सुरक्षा युक्त सरकारी विमान सुविधा
- सेवानिवृत्त जीवन में लाभ: आजीवन पेंशन और निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएं
इन सुविधाओं का उद्देश्य प्रधानमंत्री को उनके राष्ट्रीय कर्तव्यों के निर्वहन में पूर्ण सहयोग देना है।
नरेंद्र मोदी की कुल संपत्ति।
प्रधानमंत्री मोदी की सम्पूर्ण संपत्ति के बारे में बात करें तो 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने दिए गए हलफनामे में घोषणा की थी कि उनकी कुल संपत्ति 3.02 करोड़ रुपये की है. उस समय उनके पास सिर्फ 52,920 रुपये नकद थे. इससे स्पष्ट होता है कि संपत्ति के मामले में वे कई बड़े नेताओं से पीछे हैं।