मंजिंदर सिंह लालपुरा, खड़ूर साहिब के विधायक, 12 साल पहले चले छेड़छाड़ मामले में सजा सुनाई गई।

आम आदमी पार्टी के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा (Manjinder Singh Lalpura ) को अदालत ने चार साल की सजा सुनाई. बुधवार (10 सितंबर) कोर्ट ने युवती के साथ मारपीट के 12 साल पुराने छेड़छाड़ के मामले में खडूर साहिब (Khadoor Sahib Assembly Constituency) के विधायक को दोषी माना था. कोर्ट के फैसले के विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया था. शुक्रवार (12 सितंबर) को कोर्ट ने फैसला सुनाया. लालपुरा के साथ 10 और लोगों को दोषी ठहराया गया था.
3 मार्च 2013 को महिला पर हमला हुआ था।
3 मार्च 2013 को पीड़ित महिला पर कुछ पुलिसकर्मियों, मनजिंदर सिंह लालपुरा और अन्य आरोपियों ने तरन तारन के गोइंदवाल साहिब में एक शादी समारोह में हमला किया था. मनजिंदर सिंह, आठ पुलिसकर्मियों और तीन अन्य के खिलाफ IPC की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए दंड), 506 (आपराधिक धमकी), 148, 149 और SC-ST Act के तहत मामला दर्ज हुआ था.
क्या विधायकी का अंत होगा?
अगर किसी विधायक को दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उसकी विधानसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है. बुधवार को कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता ने कहा कि वह खुश है.
घटना के वक्त टैक्सी ड्राइवर थे लालपुरा
संदीप कुमार ने बताया कि जब यह मामला सामने आया, तो मनजिंदर सिंह लालपुरा एक टैक्सी चालक थे। 2022 में वह लालपुरा को टिकट देकर तरन तारन सीट से 55,756 वोटों के अंतर से कांग्रेस को हरा दिया।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था केस.
मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पीड़ित महिला, उसके रिश्तेदार जगजीत सिंह (जो चश्मदीद थे) और गावं के सरपंच को पैरामिलिट्री सुरक्षा देने का निर्देश दिया था. 19 मार्च 2013 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने केस में शामिल सात पुलिसकर्मियों के तुरंत ट्रांसफर करने का आदेश दिया था.