No menu items!
Friday, September 19, 2025
spot_img

Latest Posts

BJP को एक बार फिर से भावुक करने वाले नीतीश कुमार ने अपनी उपस्थिति से मंच पर उच्चारण किया, जबकि सम्राट चौधरी सुरक्षित रह गए।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बक्सर की राजपुर विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री संतोष निराला के नाम का ऐलान किया है। सीट बंटवारे से पहले इस ऐलान ने बीजेपी को असहज कर दिया.

बीजेपी के साथ सहजता के साथ सरकार चलाने वाले नीतीश कुमार कुछ न कुछ ऐसा कर ही जाते हैं कि बीजेपी असहज हो जाती है. हाल ही में बिहार के बक्सर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने बिना गठबंधन के सहयोगियों के राय मशवरे के ऐसा काम किया है कि विपक्ष इस गठबंधन पर सवाल उठाने लगा है और बीजेपी को इसका जवाब देने में मुश्किल हो रही है.

बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. एनडीए में अभी तक जेडीयू और बीजेपी के अलावा चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल है. कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा, ये अभी तक तय नहीं है, लेकिन मोटा-माटी एक सहमति बनती दिख रही है. और इस सहमति में कहा जा रहा है कि बिहार में जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में रहेगा यानि कि बीजेपी से कम से कम एक सीट ज्यादा लड़ेगा.

एक समीकरण आया है, जिसमें जेडीयू 102 सीटों पर, बीजेपी 102 सीटों पर, चिराग 20 सीटों पर और मांझी-कुशवाहा 10-10 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं. यह एक सियासी कयासबाजी है और किसी भी पार्टी द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों का प्रतिबिम्ब नहीं है. नीतीश कुमार ने अपने पहले उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है और इससे बीजेपी को परेशानी हो रही है. वह बक्सर की राजपुर सुरक्षित सीट से पूर्व मंत्री संतोष निराला के नाम का ऐलान कर दिया है, जबकि यह भी तय नहीं है कि राजपुर सीट किसके खाते में जाएगी.

नीतीश कुमार ने यह ऐलान तब किया था, जब मंच पर उनके साथ बीजेपी नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद थे। नीतीश कुमार ने संतोष निराला के नाम का ऐलान किया था और सम्राट चौधरी चुपचाप उस ऐलान को सुनने को मजबूर थे। जिस संतोष निराला के नाम का ऐलान नीतीश कुमार ने किया था, वह 2020 में चुनाव हार चुके थे और कांग्रेस प्रत्याशी ने उन्हें मात दी थी। इससे नीतीश ने एनडीए को सीट बंटवारे में अपर हैंड का संदेश दिया कि उनका खुद का ही रहेगा, भले ही बीजेपी जो चाहे कहे या करे। नीतीश के इस ऐलान से बीजेपी में असहजता जरूर होगी, जबकि विपक्ष के लिए अपने पत्ते खोलने का दबाव बढ़ेगा। उम्मीद है कि 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के बाद बिहार के लिए फैसले हों, जिसका हर बिहारी को इंतजार है।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.