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Monday, October 13, 2025
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सीटों का त्याग करने को राजी मुकेश सहनी! बिहार चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान, जानें- इसके पीछे की वजह।

बिहार चुनाव 2025: मुकेश सहनी ने घोषणा की है कि वे सीटों का त्याग करने और अति पिछड़ा वर्ग को 37% टिकट देने का इरादा रखते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य टिकट बेचना या केवल अपने समाज में सीमित रहना नहीं है।बिहार विधानसभा चुनाव के बारे में पार्टियों के बीच अभी भी खींचतान शेष है। इस चुनाव में सभी की ध्यान एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे पर होता है, जो है सीट शेयरिंग पर राजीनामा। ऐसे में, एक पार्टी के सुप्रीमो ने सीटों के वितरण पर इशारों में हामी दी है। VIP सुप्रीमो मुकेश सहनी ने आगामी बिहार चुनाव के संदर्भ में बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया है कि वे सीटों का त्याग करने के लिए तैयार हैं। चलिए, जानते हैं कि उनके इस बयान के पीछे क्या कारण है।

टिकट बंटवारे पर क्या बोले मुकेश सहनी?

मुकेश सहनी ने टिकट बाँटने के मामले में कहा कि वे केवल अपने समाज के लोगों को विधायकी का टिकट नहीं देंगे क्योंकि उन्हें अभी सक्षम महसूस नहीं होता है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले छोटे स्तर पर चुनाव लड़ाकर, वे धीरे-धीरे बड़े स्तर पर आएंगे। मुकेश सहनी निषाद समाज से हैं, जो कि बिहार में गरीब-दलित वर्गों में गिने जाते हैं। उनका यह भी विचार है कि अगर वे सिर्फ़ अपनी ही जाति को टिकट देंगे तो उन पर जातिवाद का आरोप लगेगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमारे जनसंख्या के आधार पर हमारे लोगों को टिकट दिया जाएगा। अति पिछड़ा वर्ग को हम लोग 37% टिकट देंगे।”

बड़ी जाति के लोग नहीं करना चाहते काम- मुकेश सहनी

मुकेश सहनी ने कहा, “मेरी पार्टी में बड़ी जाति के लोग आकर काम नहीं करना चाहते हैं और अगर हम दोनों लड़ते हैं तो वोटों का नुकसान होगा. हमें जीत सुनिश्चित करना है तो ऐसी अवस्था में जहां जिस स्थानीय की तैयारी पहले से होती है, उस आधार पर हम सहमत हो जाते हैं और टिकट बांटने पर फैसला लिया जाता है.”
उनका कहना है कि जब तक उनकी पार्टी पूरी तरह सक्षम नहीं हो जाती तब तक उन्हें दूसरों के सहारे सीट को देखते हुए और समीकरण बैठाते हुए टिकट बांटने पर फैसला करना है. वहीं

परिवार को टिकट देने पर क्या बोले?

हालांकि उन्होंने ये अभी तक नहीं बताया कि वे खुद किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन इतना जरूर कहा कि समय आने पर इसका जवाब देंगे। वहीं उन्होंने बातों-बातों में इस बात का भी इशारा कर दिया कि उनके परिवार वाले भी चुनाव लड़ सकते हैं। ये सब कुछ उन्होंने एक निजी चैनल को दिए बयान में कहा, जहां उन्होंने ये जाहिर नहीं किया कि वे अपनी पत्नी और भाई को चुनाव में उतारेंगे या नहीं और पूरे बिहार के निषाद समाज को अपना परिवार बताते हुए सवाल का जवाब समाप्त किया।

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