ट्रंप टैरिफ की खबर: ट्रंप के टैरिफ दबाव के बावजूद, भारत ने रूस से तेल खरीदने को बंद नहीं किया है, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति नाराज हैं. उन्होंने लगातार भारत को ट्रेड डील से जुड़ी धमकियां दी हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकाने वाली राजनीति के खिलाफ अब दुनिया में नई धुरी बन गई है. एससीओ के मंच पर पीएम मोदी, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग की जोड़ी ने अमेरिका को साफ संदेश दिया कि भारत के पास ट्रेड को लेकर विकल्प मौजूद हैं. ट्रंप प्रशासन बार-बार कह रहा है कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे तो वह टैरिफ में कटौती करने को तैयार है. हालांकि भारत सरकार ने साफ कहा है कि वह अपने लोगों के हितों के लिए रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा.
भारत ने नहीं मानी ट्रंप की धमकी
प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन सोमवार (1 सितंबर 2025) को एक ही कार में द्विपक्षीय बैठक वाले होटल तक गए. इससे देखा गया कि भारत अब किसी के दबाव में नहीं आएगा। भारत ने अभी तक रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया है। भारत अब ट्रेड डील के लिए भी किसी मेज पर बात करने की पहल नहीं कर रहा है। इस कदम से ट्रंप बुरी तरह से हताश हैं, जिसका सबूत उनका बयान है।
ट्रंप ने जापान-साउथ कोरिया का दिया उदाहरण
डोनाल्ड ट्रंप ने एससीओ बैठक के बाद भारत-अमेरिका ट्रेड डील को एकतरफा त्रासदी करार दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत ने अब अपने टैरिफ को पूरी तरह से कम करने की पेशकश की है, लेकिन अब देर हो रही है। वहीं ट्रंप ने भारत को ट्रेड डील पर बातचीत को लेकर राजी करने के लिए जापान-दक्षिण कोरिया का उदाहरण दे रहे हैं। ट्रंप भारत के डेयर और कृषि क्षेत्र में एंट्री चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने दो टूक कहा है कि किसानों के हितों के खिलाफ जाकर भारत किसी तरह का समझौता नहीं करेगा।
ट्रंप जापान-साउथ कोरिया का उदाहरण देकर यह बताना चाहते हैं कि भारत भी इन दोनों देशों की तरह अमेरिका पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाता है। ट्रंप ने भारत पर 100 फीसदी टैरिफ का आरोप लगाया। जापान और दक्षिण कोरिया अमेरिका के सहयोगी देशों में से हैं। इन दोनों देशों पर भी टैरिफ लगाकर ट्रंप ने दिखा दिया कि वह किसी को भी नहीं बख्शेंगे.
भारत पर दबाव बनाना चाहते थे ट्रंप
अमरीकी राष्ट्रपति ने जापान और दक्षिण कोरिया पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने भारत पर भी 25 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी। हालांकि ट्रंप की यह क़दर भारत को मिली नहीं और उन्होंने फिर से भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। ट्रंप का संदेश स्पष्ट है कि अगर उनकी मांगों को माना नहीं गया तो और भी कठोर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हालांकि भारत ने फिर भी रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया। उसका कहना है कि हम अपनी आवश्यकताओं के आधार पर निर्णय लेंगे और किसी दबाव में नहीं डटेंगे।