No menu items!
Monday, December 15, 2025
spot_img

Latest Posts

‘भारत-चीन के बीच नहीं प्रतिद्वंदी, बल्कि एक-दूसरे के साझेदार’, शी जिनपिंग-प्रधानमंत्री मोदी की बैठक से ट्रंप को बड़ा संदेश।

PM मोदी चीन यात्रा: प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि हमें ऐसे मित्र बनने चाहिए, ऐसे साझेदार बनने चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में सहायक हों। दोनों नेताओं के बीच टैरिफ पर भी चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले रविवार (31 अगस्त 2025) को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच हुई इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर थी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-चीन एक दूसरे के प्रतिद्वंदी नहीं, बल्कि डेवलपमेंट पार्टनर हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए.

व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर हुई बात।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत और चीन के बीच सुदृढ़ संबंध हमारी आर्थिक वृद्धि और विश्व के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने उज्ज्वल किया कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए चर्चा की. इसके अतिरिक्त, व्यापार में घाटे को कम करने के लिए राजनीतिक और रणनीतिक मार्गदर्शिका में काम करने पर विचार किया गया. प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक में ट्रंप के टैरिफ के बारे में भी चर्चा की गई.

‘भारत-चीन न केवल प्रतिद्वंदी हैं, बल्कि एक-दूसरे के साथ साझेदार भी।’

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है, जिसकी मेजबानी भारत ने 2026 में करने का निर्णय लिया है। दोनों देशों ने स्पष्ट किया है कि उनके बीच कोई विरोधी नहीं है और वे अपने विचार विवाद में नहीं बदलेंगे। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जवलता किया कि भारत और चीन दोनों ही राष्ट्र अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता की आवश्यकता महसूस करते हैं और उनके संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।

‘भारत और चीन के लोगों को आपसी सम्मान की आवश्यकता है।’

विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत और चीन के 2.8 अरब लोगों के बीच आपसी सम्मान और हित के आधार पर स्थिर संबंध की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के महत्व पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने पिछले साल हुई सैन्य वापसी और उसके बाद से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर संतोष जताया।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों का मानना है कि भारत-चीन की मजबूत अर्थव्यवस्था और व्यापार संबंध से दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को स्थिर किया जा सकता है। ट्रंप के टैरिफ के बीच यह बयान अमेरिका के लिए सख्त संदेश है। अमेरिका की ओर से 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद भारत ने नए ट्रेड पार्टनर खोजने शुरू कर दिए हैं।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.