रावी दरिया में लगातार जलस्तर बढ़ने से अजनाला क्षेत्र के कई गांवों में जलभराव ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीते 72 घंटे से इन गांवों में बिजली बंद है, लोग अंधेरे और कठिनाइयों में जिंदगी काटने को मजबूर हैं। इस गंभीर स्थिति में पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य और समाजसेवी डॉ. सुभाष थोबा ने अपनी टीम के साथ प्रभावित गांवों में पहुंचकर मोमबत्तियां, राशन और दवाइयां बांटीं।

डॉ. थोबा ने रामदास, गग्गोमहल, दयाल भट्टी, सुल्तान महल, कालोमहला, थोबा और मलकपुर समेत कई गांवों का दौरा किया। यहां जलभराव के कारण लोगों के घरों में अंधेरा पसरा हुआ था। बिजली गुल होने से रातें बेहद मुश्किल हो गई थीं। उन्होंने कहा कि मोमबत्तियां बांटने का मकसद था कि हर घर में कम से कम रोशनी बनी रहे और लोग अंधेरे के डर से उबर सकें।
इस मौके पर उन्होंने ग्रामीणों को जरूरी राशन सामग्री और दवाइयां भी उपलब्ध करवाईं। डॉक्टर होने के नाते उन्होंने बीमार और जरूरतमंद लोगों की हालत का जायजा लेकर तुरंत दवाइयां दीं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाके में बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना जरूरी है।

ग्रामीणों ने बताया कि पानी इतना भर गया है कि ट्रैक्टर-ट्राली भी गांवों तक नहीं पहुँच पा रही। ऐसे में डॉ. थोबा और उनकी टीम ने पानी में उतरकर राहत सामग्री पहुंचाई। यह नजारा देखकर गांव वालों के चेहरों पर उम्मीद की झलक दिखी।

इस राहत कार्य में जिला मेडिकल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन की टीम ने भी डॉ. थोबा का साथ दिया। एसोसिएशन के प्रधान डॉ. प्रभजीत सिंह, सचिव डॉ. प्रभजीत सिंह ल, वित्त सचिव डॉ. सुरजीत सिंह, डॉ. बी.एस. गिल और डॉ. परमिंदर सिंह ने मौके पर पहुँचकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दीं। इसके अलावा समाजसेवी ईसादास टोनी और दर्शन माहल ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।