
सितंबर शुक्र प्रदोष व्रत 2025: अधिकारियों के अनुसार, कलियुग में सबसे उत्तम व्रत प्रदोष व्रत है, जो दोषों से मुक्ति प्रदान करता है। सितंबर में 5 और 19 सितंबर को शुक्र प्रदोष व्रत का मुहूर्त है, जिससे योग्य पुण्य प्राप्त हो सकता है। इस अवसर पर व्रत करने से धर्म, अर्थ और काम की प्राप्ति हो सकती है।सितंबर में दो शुक्र प्रदोष व्रत हैं, पहला 5 सितंबर को है और दूसरा 19 सितंबर को। शिव जी को त्रयोदशी तिथि (प्रदोष व्रत) बहुत प्रिय है। शिव चालीसा में इसका वर्णन है कि ‘त्रयोदशी व्रत करे हमेशा, तन नहीं ताके रहे क्लेशा’ अर्थात जिन लोगों ने त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया, उन्हें कभी भी दुःख, दरिद्रता या क्लेश का सामना नहीं करना पड़ता।
सितंबर 2025 में प्रदोष व्रत कब ?
पहला शुक्र प्रदोष व्रत – 5 सितंबर 2025
शुक्र प्रदोष व्रत धन और दांपत्य जीवन में मधुरता की प्राप्ति के लिए किया जाता है, जिससे सुख-समृद्धि और भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है। इस व्रत से पैसों की तंगी से छुटकारा मिलता है।
तिथि – 5 सितंबर 2025, सुबह 4.08 – 6 सितंबर 2025, सुबह 3.12
पूजा मुहूर्त – शाम 6.38 – रात 8.55
दूसरा शुक्र प्रदोष व्रत – 19 सितंबर 2025
यह व्रत जीवन के सभी संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। विशेष रूप से, विवाहित महिलाएं इस व्रत को अपने पति की लंबी उम्र करती हैं। साथ ही, शुक्र प्रदोष व्रत शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा प्राप्त करने में भी सहायक है।
तिथि – 18 सितंबर 2025, रात 11.24 – 19 सितंबर 2025, रात 11.36
पूजा मुहूर्त – शाम 6.21 – रात 8.43
शुक्र प्रदोष व्रत के मंत्र
- ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
- ‘ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय’.
- ॐ नमो नीलकण्ठाय’
- करचरण कृतं वाक् कायजं कर्मजं वा । श्रवण नयनजं वा मानसं वापराधं । विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व । जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥.
शुक्र प्रदोष व्रत का भोग
शुक्र प्रदोष व्रत में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए खीर, मिठाई, पंचामृत, भांग, धतूरे का फल, जौ का सत्तू आदि अर्पित किया जाता है.
शुक्र प्रदोष व्रत का दान
शुक्रवार को मां लक्ष्मी और शुक्र देव को समर्पित होता है, और भगवान शिव जी को भी सफेद रंग की वस्तु प्रिय है। इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत के दौरान दूध, दही, सफेद मिठाई, और सफेद वस्त्र दान किए जाने चाहिए। साथ ही, गरीबों को अन्न, फल, धन और कपड़े भी दान करना चाहिए।