बिहार में वोट अधिकार रैली में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और तेजस्वी यादव बाइक पर नजर आए। इस दौरान राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची से 65 लाख नाम हटाने पर जवाब मांगा।

बिहार में चल रही वोट अधिकार रैली के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बुलेट पर बैठाकर हिस्सा लेते हुए देखा गया।

बिहार में चल रही वोट अधिकार रैली में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी एक बार फिर सामने आए। इस बार भाई-बहन की जोड़ी अलग अंदाज में दिखी। दोनों एक साथ एक ही बाइक पर बैठे हुए नजर आए। इस समय उनके साथ राजद के नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।

बिहार में वोट अधिकार रैली के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मुजफ्फरपुर में हैं। दोनों 26 अगस्त को सुपौल में थे, जहां उन्होंने रैली में भाग लिया था।

मुजफ्फरपुर में रैली में राहुल गांधी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को बताना चाहिए कि बिहार में 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों से क्यों हटाए गए हैं।

राहुल गांधी ने कहा है कि हम सबूत देते रहेंगे कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में वोट चोरी कैसे होती है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की सांसद कनिमोई के साथ बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होने का निर्णय लिया। इस यात्रा में उनकी उपस्थिति ने इवेंट को और भी साहसिक बना दिया। यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम था जिसमें राजनीतिक नेताओं ने जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। इस साझेदारी से लोगों में नई उम्मीदें और संवेदनशीलता की भावना उत्पन्न हुई। बिहार के लोगों ने इस यात्रा का बड़ी संख्या में समर्थन किया और एक नया संबंध बनाने का मौका मिला।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की सड़कों पर बुधवार को मोटरसाइकिल पर चलने का आयोजन किया।

इस समय, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को उनके भाई के पीछे मोटरसाइकिल पर बैठे हुए देखा गया। यात्रा के दरभंगा जिले से मुजफ्फरपुर तक पहुंचने पर राहुल गांधी और यादव मोटरसाइकिल चलाते हुए नजर आए और उस समय लोग उनका स्वागत करने के लिए सड़कों के किनारे खड़े थे।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बिहार में एक रैली में इल्जाम लगाया कि गुजरात मॉडल वोट चोरी का सिद्धांत है, जिसे भाजपा ने वहाँ से ही लोगों के वोट चुराने की शुरुआत की थी।

कुल 1,300 किलोमीटर की यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और एक सितंबर को पटना में एक रैली के साथ समाप्त होगी.